राज्यों में सबसे अधिक टोल उत्तर प्रदेश में हाईवे यूजर्स से आया है। उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा हाईवे नेटवर्क भी है। वहीं, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड जैसे पूर्वोत्तर राज्यों से कोई टोल राजस्व नहीं मिला।
गडकरी के अनुसार, 2014 से एनएचएआई ने उन्हें सौंपी गई परियोजनाओं/योजनाओं को पूरा करने के लिए कुल 3.77 लाख करोड़ रुपये का ऋण और अन्य उधार लिया है।
गडकरी ने कहा कि आपको उसी जगह पर टोल वसूलना चाहिए, जहां आप सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली सड़क मुहैया करा रहे हैं। अगर आप गड्ढों और कीचड़ वाली सड़कों पर भी टोल वसूलते हैं, तो आपकों लोगों की प्रतिक्रिया का भी सामना करना होगा।
एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति में बदलाव के आधार पर हर साल टोल शुल्क में परिवर्तन किया जाता है। देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव 19 अप्रैल को शुरू होंगे और एक जून तक चलेंगे। मतों की गिनती चार जून को होगी।
आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा कि यह माध्यम यात्रियों को आवागमन सेवाओं के लिए सुरक्षित, सुविधाजनक और तेज डिजिटल भुगतान की सुविधा देगा।
अगर कोई यात्री कम दूरी तय करेगा तो जीपीएस बेस्ड टोल सिस्टम उससे उसी हिसाब से कम चार्ज करेगा। मौजूदा समय में ऐसी व्यवस्था नहीं है।
अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु का शुक्रवार को पीएम मोदी ने उद्घाटन कर दिया है। यह देश का सबसे लंबा संमु्द्री पुल है। पुल बनाने के लिए इंजीनियरों और मजदूरों ने समुद्री तल में करीब 47 मीटर तक खुदाई की है।
Toll Tax Vehicle: अब टोल टैक्स देने के लिए टोल बूथ पर चालकों को इंतजार नहीं करना होगा। सरकार एक शानदार प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।
अब सड़क का सफर का भी आपके लिए महंगा होने वाला है, क्योंकि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने टोल टैक्स की दरों को बढ़ा दिया है, वहीं यह वृद्धि 1 अप्रैल, 2023 से लागू होगी।
माना जा रहा है कि इस एक्सप्रेसवे पर 610 रुपये टोल टैक्स वसूला जाएगा। वहीं, बस, ट्रक और भारी वाहनों से लगभग 935 रुपये, तो हल्के कमर्शियल वाहनों से 665 रुपए रुपये का टोल टैक्स वसूला जा सकता है।
बाइक या अन्य किसी भी टू व्हीलर से टोल टैक्स न लेने के पीछे मुख्य वजह इनका वजन है। टोल टैक्स सड़क निर्माण कार्य का पैसा वसूलने के साथ-साथ उसकी मेन्टीनेंस का खर्च भी आते-जाते वाहनों से ही लेते हैं।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के गाइडलाइन के अनुसार अगर टोल प्लाजा पर 10 सेकंड से अधिक वेट करना पड़े तो आप बिना टोल टैक्स दिए जा सकते हैं।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार टोल प्लाजा की जगह स्वचालित ’नंबर प्लेट पहचान प्रणाली’ के उपयोग के लिए ’पायलट प्रोजेक्ट’ पर काम कर रही है।
गडकरी ने कहा, ‘‘सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय वाहनों को रोके बिना अपने-आप टोल संग्रह के लिए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली की एक पायलट परियोजना पर काम कर रहा है।’’
वैकल्पिक मार्गों की तलाश करने वालों के लिए, गूगल मैप्स टोल और विकल्पों के साथ, जहां उपलब्ध हो, एक टोल-फ्री मार्ग का विकल्प प्रदान करना जारी रखेगा।
राज्य सरकारों द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने से लोगों की आवाजाही में कमी आई है, जिसका असर यात्री वाहनों और बस श्रेणी के यातायात पर पड़ेगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की पथकर से होने वाली आय अगले तीन साल में 40,000 करोड़ रुपये सालाना से बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये प्रति वर्ष हो जायेगी।
एक्सप्रेस-वे के तीनों टोल प्लाजा, जेवर, मथुरा व आगरा में फास्टैग के लिए जरूरी तकनीकी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं।
केन्द्रीय मंत्री के मुताबिक अगले पांच साल में एनएचएआई की सालाना टोल आय बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी। अभी यह 40,000 करोड़ रुपये के स्तर पर है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के मार्च 2023 तक पूरा होने की संभावना है और इसे भारतमाला परियोजना के पहले चरण के तहत बनाया जा रहा है।
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