शहरी क्षेत्रों में पेय पदार्थों और प्रोसेस्ड फूड पर खर्च 2011-12 के 8.98 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 10.64 प्रतिशत हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा 2011-12 के 7.90 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 9.62 प्रतिशत हो गया।
तंबाकू की फसल को लेकर किसान महासंघ ने केंद्र से एक मांग की है। साथ ही उन्होंने सरकार से किसानों पर अतिरिक्त बोझ कम करने को कहा है।
बजट 2019 में तंबाकू-सिगरेट पर उत्पाद कर बढ़ा दिया गया है, जिससे अब इनके शुल्क भी बढ़ जाएंगे। क्योंकि, आम तौर पर कंपनियां ऐसा होने पर उत्पाद की कीमत में इजाफा करती हैं।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सिगरेट पैकेट और दूसरे तंबाकू उत्पादों के पैकेट के 85 प्रतिशत हिस्से पर छापी जाने वाली चेतावनी को असंवैधानिक बताया है
केंद्र सरकार की योजना तंबाकू के पैकेटों पर नशा मुक्ति के लिए टोल-फ्री राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर छापने की है।
देश में तंबाकू, रोजमर्रा के उपयोग के सामान FMCG, वाहन कल-पुर्जे, शराब और कंप्यूटर हार्डवेयर के अवैध कारोबार में लगातार वृद्धि हो रही है।
किसान संगठन FAIFA ने माल एवं सेवा कर जीएसटी परिषद की सिगरेट पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की हालिया घोषणा को वापस लेने की मांग की है।
तंबाकू किसानों के एक संगठन ने सरकार से अनुरोध किया है कि कच्चे तंबाकू पर से वस्तु एवं सेवा कर (GST) की पांच प्रतिशत दर को वापस लिया जाए।
नोमुरा ने कहा है कि वर्तमान स्वरूप मेंं GST से मिलने वाला लाभ प्रारंभ में सोचे गये लाभ से काफी कम होगा क्योंकि इसका ढांचा विभिन्न कर दरों के साथ जटिल है।
कृषक संगठन FAIFA ने सरकार से देश में सिगरेट की तस्करी को हतोत्साहित करने वाली टैक्सेशन नीति अपनाने का आग्रह किया है।
केंद्रीय बजट में कई उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी को बढ़ाया गया। इससे कई चीजें सस्ती हो गई हैं तो कई महंगी। आइए जानते हैं क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा।
अगले हफ्ते भारत में पहली बार होने जा रहे एक अंतरराष्ट्रीय तंबाकू सम्मेलन से पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को एक पत्र लिखा है।
GST काउंसिल ने GST के रेट 5, 12, 18 और 28 फीसदी तय किए हैंं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि GSTमें 12 फीसदी और 18 फीसदी स्टैंडर्ड रेट होंगे।
तंबाकू कंपनियों के विरोध से बेअसर सुप्रीम कोर्ट ने आज साफ किया कि सिगरेट और बीड़ी समेत सभी उत्पाद के दोनों ओर 85 फीसदी चित्र चेतावनी देना जरूरी होगा।
दिल्ली सरकार ने गुटखा, पान मसाला, खैनी और जर्दा’ समेत सभी चबाने वाले तम्बाकू के उत्पाद, बिक्री और स्टोर करने पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद बेचने वाले खुदरा विक्रेताओं ने सरकार से नए नियम को वापस लेने की मांग की। उत्पादन बंद होने से 350 करोड़ का नुकसान हो रहा है।
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