देश का निर्यात चालू वर्ष के अक्तूबर महीने में 1.12 प्रतिशत घटकर 23 अरब डॉलर रह गया। सितंबर महीने में इसमें अच्छी खासी वृद्धि दर्ज की गई थी।
पतंजलि का लक्ष्य अगले पांच साल में एक लाख करोड़ रुपए का बिक्री कारोबार हासिल करना है। कंपनी इसके मद्देनजर अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार कर रही है।
GST लागू होने के बाद कपड़ा उत्पाद विशेष रूप से सूती धागे और फैब्रिक वाले उत्पाद महंगे हो जाएंगे। सरकार ने GST में कपड़े को ऊंचे टैक्स स्लैब में रखा है।
जीएसटी काउंसिल ने आज हुई 15वीं बैठक में गोल्ड, बिस्किट, गारमेंट्स और बीड़ी समेत सभी छह कमोडिटी के लिए जीएसटी रेट की घोषणा कर दी है।
जीएसटी परिषद आज सोना, टेक्सटाइल्स और बिस्किट समेत छह कमोडिटी के टैक्स रेट पर अंतिम फैसला लेगी। एक जुलाई से जीएसटी को लागू करने की तैयारी है।
FIEO ने कपड़ा और चमड़ा क्षेत्र के लिए एकसमान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर के लिए राज्य सरकारों से समर्थन मांगा है।
पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग और टेक्सटाइल क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से देश का निर्यात अप्रैल महीने में 19.77 फीसदी बढ़कर 24.63 अरब डॉलर रहा।
इंडिया रेटिंग्स का कहना है कि डॉलर की तुलना में रुपए में मजबूती से 2017 में फौरी तौर पर कपड़ा और परिधान निर्यातकों की आय और मार्जिन प्रभावित होगा।
मार्च में निर्यात 27.6 फीसदी बढ़कर 29.23 अरब डॉलर पहुंच गया। हालांकि, आयात में भी बढ़ोतरी हुई है। आयात 45.25 फीसदी बढ़कर 39.66 अरब डॉलर पहुंच गया है।
विदेशों में जमा भारतीयों के कालेधन के खिलाफ अभियान को तेज करते हुए भारत ने स्विट्जरलैंड से कम से कम 10 लोगों और इकाइयों का बैंकिंग ब्योरा मांगा है।
भारतीय कपड़ा उद्योग का कारोबार अगले पांच साल में मौजूदा 108 अरब डॉलर से दोगुना होकर 223 अरब डालर तक पहुंचने की उम्मीद है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वसूली में फंसे ऋणों (NPA) वित्त वर्ष 2016-17 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि हुई है।
अरुण जेटली ने श्रम आधारित क्षेत्रों चमड़ा और फुटवियर के लिए एक योजना लाने की घोषणा की है। यह योजना कपड़ा क्षेत्र की तर्ज पर होगी।
सरकार के विशेष पैकेज और विपणन योजनाओं की मदद से भारत का टेक्सटाइल और अपैरल निर्यात चालू वित्त वर्ष में 50 अरब डॉलर के स्तर को छूने की उम्मीद है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि कपड़ा उद्योग को प्रोत्साहन पैकेज मिलने से रफ्तार बढ़ेगी। वहीं इससे रोजगार के और अवसर पैदा होंगे और निर्यात बढ़ेगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने श्रम आधारित कपड़ा क्षेत्र (टेक्सटाइल) में रोजगार सृजन, विनिर्माण और निर्यात को प्रोत्साहन के लिए रियायतों को मंजूरी दे दी।
वित्त वर्ष 2015-16 में कपड़े का निर्यात 40 अरब डॉलर रहा, जो कि 47.5 अरब डॉलर के लक्ष्य से कम है। 2015-16 के दौरान कपड़ा क्षेत्र का निर्यात 40 अरब डॉलर रहा।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और घटते एक्सपोर्ट में तेजी लाने के लिए निर्यातकों से विशिष्ट सुझाव लेकर आने को कहा है। इसके लिए सरकार ने निर्यातकों से की मुलाकात
उद्योग मंडल फिक्की ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका के एक कानून के कारण भारत का कपड़ा निर्यात प्रभावित हो रहा है।
केंद्र सरकार ने टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए मौजूदा टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन फंड योजना के स्थान पर संशोधित टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन फंड स्कीम को मंजूरी दी है।
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