रिपोर्ट में कहा गया है कि अवैध ऑनलाइन जुए तथा सट्टेबाजी से भारतीय नागरिकों के साइबर सुरक्षा हमलों और असुरक्षित ऑनलाइन माहौल की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है।
एफएटीएफ ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाल दिया था। इसका मतलब होता है कि उक्त देश मनी लॉन्ड्रिंग तथा आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने में पूरी तरह कारगर कदम नहीं उठा रहा है।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश के बाजारों में संदिग्ध लेन-देन, जाली नोट, सीमा पार से पैसों के ट्रांसफर के पकड़े गए मामले बढ़कर दोगुने हो गए।
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