टेलीविजन प्रसारण उद्योग के शीर्ष कारोबारी आपसी गलाकाट प्रतिस्पर्धा को दरकिनार करते हुए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नए शुल्क आदेश के खिलाफ एक जुट हो गए हैं।
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मोबाइल नंबर पोर्टिबिलिटी (एमएनपी) के संशोधित नियमों को लागू करने की समय सीमा 11 नवंबर तक बढ़ा दी है। पहले यह समयसीमा 30 सितंबर 2019 तक थी।
दूरसंचार नियामक (ट्राई/TRAI) वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल पर लगाए गए अपने जुर्माने को संशोधित करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि वह ट्राई के नियमों से बंधा हुआ है।
दूरसंचार नियामक (ट्राई) ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) शुल्क को घटाकर चार रुपए करने के संबंध में परामर्श प्रक्रिया शुरू कर दी है। अभी मोबाइल नंबर पोर्ट करवाने में 19 रुपए लगते हैं।
अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो आप नया सिम कार्ड, ब्रॉडबैंड कनेक्शन या लैंडलाइन कनेक्शन नहीं ले पाएंगे।
देश में दूरसंचार ग्राहकों की संख्या सितंबर के आखिर में 1.98 प्रतिशत बढ़कर 107.424 करोड़ हो गई। यह बढ़ोतरी रिलायंस जियो द्वारा सेवाएं शुरू करने के कारण हुई।
टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स की सकल आय वित्त वर्ष 2016-17 की अप्रैल-जून तिमाही में पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले 12.79 प्रतिशत बढ़कर 73,344 करोड़ रुपए रही।
टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने मौजूदा टेलीकॉम कंपनियों और नई कंपनी रिलायंस जियो से पॉइंट ऑफ इंटरकनेक्ट के मुद्दों को आपस में सुलझाने के लिए कहा है।
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