क वर्ष में 85 लाख किलोग्राम दार्जिलिंग चाय का उत्पादन होता है जिसे 'चायों की शैंपेन' कहा जाता है लेकिन वैश्विक स्तर पर दार्जिलिंग चाय के नाम से पांच करोड़ किलोग्राम चाय की बिक्री होती है।
दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी चाय शोध संस्था ‘टोकलई चाय शोध संस्थान’ को इस समय गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उसका काम प्रभावित हुआ है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि पाकिस्तान से एमएफएन का दर्जा वापस लेने के भारत के फैसले से पड़ोसी देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा, जो पहले से गहरे संकट में है।
अरुणाचल प्रदेश में उत्पादित चाय गुवाहाटी के चाय नीलामी केंद्र पर 40,000 रुपये प्रति किलो ग्राम के भाव बिकी जो एक विश्व रिकार्ड है।
इंटरनेशनल मार्केट में चाय की कीमतें 30 फीसदी तक उछल गई है। इसिलिए माना जा रहा है कि अगले महीने चाय की कीमतें 10-15 रुपए तक बढ़ सकती है।
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