फॉर्म 15एच उन निवासी व्यक्तियों द्वारा जमा किया जा सकता है जो वरिष्ठ नागरिक हैं, जिनकी अनुमानित कर देयता है वित्तीय वर्ष में शून्य है। कोई भी कंपनी या फर्म या गैर-निवासी फॉर्म 15G जमा करने के लिए पात्र नहीं होते हैं।
PM Modi Interview : पीएम ने बताया कि 10 साल में आईटीआर फाइल करने वालों की संख्या दोगुने से अधिक हो गई है। टैक्स कलेक्शन भी तीन गुना बढ़ गया है।
ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस देने वाली कंपनी ओला को भारत में 1 अरब कस्टमर्स के विशाल बाजार पर बहुत भरोसा है और कंपनी अब भारतीय कारोबार पर पूरा फोकस करने की तैयारी में है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने उन रिपोर्ट का खंडन किया कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एचआरए से जुड़े मामलों को फिर से ओपन कर रहा है। ई-वेरिफिकेशन का मकसद विसंगतियों से जुड़े मामलों के बारे में सचेत करना था।
मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण सोशल मीडिया पर जारी उन सूचनाओं के बाद दिया जिसमें 1 अप्रैल से प्रभावी नई टैक्स व्यवस्था में कुछ बदलावों का दावा किया गया है। नई टैक्स व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न दाखिल करने तक उपलब्ध है।
नए वित्त वर्ष की 1 अप्रैल 2024 से शुरुआत हो गई है। इसके साथ ही टैक्स, फास्टैग, बीमा, म्यूचुअल फंड्स सहित कई चीजों में आज से नए नियम भी लागू हो गए हैं। इन सभी में अब आपको नए प्रावधानों का पालन करना होगा।
कंपनी को अतिरिक्त आयुक्त की तरफ से कुल 161,62,33,898 रुपये की जीएसटी मांग, उस पर ब्याज और 16,16,23,390 रुपये का जुर्माना नोटिस वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए मिला है।
क्वांट ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड द्वारा 29.98 प्रतिशत का उच्चतम रिटर्न दिया। इसका मतलब है कि अगर किसी ने इस स्कीम में 1 लाख रुपये का निवेश किया होता तो वह बढ़कर 3.71 लाख रुपये हो जाता।
कोई भी भारतीय पीपीएफ में निवेश कर सकता है। वहीं, केवल वेतनभोगी कर्मचारी जिनके पास कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाता है और नियमित रूप से ईपीएफ में योगदान करते हैं, वे वीपीएफ में पैसा लगा सकते हैं।
Tax Collection: चालू वित्त वर्ष में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़कर 18.90 लाख करोड़ हो गया है। सरकार द्वारा इस अवधि में 3.37 लाख करोड़ का रिफंड भी दिया गया है।
अगर निवेश की समयसीमा की बात करें तो एससीएसएस और एफडी में कोई अंतर नहीं है। दोनों में 5 साल की लॉक इन पीरियड है। यानी 5 साल के निवेश करने पर ही टैक्स बचत दी जाएगी।
How to Save Tax: पुरानी टैक्स रिजीम में धारा 80C, 80D और 24B के तहत दी गई छूट का फायदा उठाकर आप आसानी टैक्स सेविंग कर सकते हैं।
अगर आप भी अभी तक ये जरूरी काम नहीं निपटा सके हैं तो जल्दी करें। अन्यथा आपको भारी पेनाल्टी भी चुकानी पड़ सकती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट करदाताओं से लगातार अपील कर रहा है कि सभी तरह के बकाये का निपटान तय तारीख तक जरूर कर लें।
आयकर विभाग विभिन्न स्रोतों से करदाताओं के निर्दिष्ट वित्तीय लेनदेन की जानकारी प्राप्त करता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि आयकर विभाग को वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान व्यक्तियों/इकाइयों द्वारा किए गए विशिष्ट वित्तीय लेनदेन पर कुछ जानकारी प्राप्त हुई है।
Tax Planning Mistakes: टैक्स सेविंग के लिए आपको पूरी योजना के साथ निवेश करना चाहिए। नहीं तो आप इनकम एक्ट में दी गई टैक्स छूट का लाभ उठाने से वंचित रह सकते हैं।
सैलरी पेशा लोगों की सबसे बड़ी चिंता होती है कि उनके ऊपर कितनी टैक्स की देनदारी बनेगी। आप भी अगर नौकरी करते हैं तो टैक्स की गणना आसानी से कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे?
ईएलएसएस फंड आपको एक फाइनेंशियल ईयर में 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बचाने में मदद करता है। लॉन्ग टर्म के लिए यह एक उम्दा निवेश माध्यम है।
Tax Saving Tips: पुरानी टैक्स रिजीम के तहत कई सारी इनकम टैक्स की छूट आपको मिलती हैं। जिसके जरिए आप 10 लाख रुपये तक की आय पर शून्य टैक्स भर सकते हैं।
कुछ निवेश विकल्प ऐसे हैं जो आपको टैक्स फ्री रिटर्न भी देते हैं और इनकम टैक्स छूट भी दिलाते हैं। ऐसे निवेश विकल्पों में पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना और इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम आदि शामिल हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 2024-25 के अंतरिम बजट में की गई घोषणा को अमल में लाने के लिए यह आदेश जारी किया। एक लाख रुपये की लिमिट में टैक्स डिमांड की मूल राशि, ब्याज, जुर्माना या शुल्क, उपकर, अधिभार शामिल है।
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