समय पर सुधार की सुविधा प्रदान करके, फॉर्म जीएसटीआर-1ए यह सुनिश्चित करता है कि सही कर देयता फॉर्म जीएसटीआर-3बी में स्वतः भर जाए, जिससे गलतियां कम होंगी और एक सुव्यवस्थित अनुपालन प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा।
आखिरी तारीख का इंतजार करने से बचते हुए जितनी जल्दी हो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर देना चाहिए। जानकारों का कहना है कि ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले कुछ जरूरी होमवर्क पहले कर लेना चाहिए।
जानकारों का कहना है कि किसी भी टैक्सपेयर्स को आखिरी तारीख में रिटर्न फाइल करने का इंतजार नहीं करना चाहिए। आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है।
अगर आप नई टैक्स व्यवस्था के बजाय पुरानी टैक्स व्यवस्था को चुनना पसंद करते हैं, तो आपको अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने से पहले फॉर्म 10IEA जमा करना आवश्यक है।
अगर आपका इनकम टैक्स रिफंड न आए तो परेशान न हों। आयकर विभाग ने इसका भी सॉल्यूशन दिया है। आप रीइश्यू के लिए ऑनलाइन रिक्वेस्ट डाल सकते हैं। रिफंड के फेल होने के पीछे गलत बैंक डिटेल (खाता संख्या, एमआईसीआर कोड, आईएफएससी कोड, नाम बेमेल आदि) और अकाउंट होल्डर का केवाईसी पेंडिंग होना भी हो सकता है।
फाइलिंग में कंपनी ने बताया है कि कंपनी को जीएसटी रिटर्न और खातों के ऑडिट के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए टैक्स ऑर्डर प्राप्त हुआ है। कंपनी उचित प्राधिकारी के समक्ष आदेश के खिलाफ अपील दायर करेगी।
टैक्स की बचत करने के कई ऑप्शन हैं। कुछ निवेश कर तो कुछ साधन ऐसे हैं जिसमें बिना निवेश किए टैक्स बचाने के अवसर देते हैं। आप अपनी सहूलियत और क्षमता के हिसाब से टैक्स बचाने का अपना फैसला कर सकते हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि 4,62,664 करोड़ रुपये (17 जून, 2024 तक) के शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में 1,80,949 करोड़ रुपये का सीआईटी और 2,81,013 करोड़ रुपये का पीआईटी (प्रतिभूति लेनदेन कर सहित) शामिल हैं।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जब किसी व्यक्ति की आय 3 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक पांच गुना बढ़ जाती है, तो आयकर की दर छह गुना बढ़ जाती है, जो कि काफी अधिक है।
भारत और यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने इस महीने की शुरुआत में इस मुद्दे पर द्विपक्षीय वार्ता की थी, लेकिन दोनों पक्षों के बीच आम सहमति नहीं बन सकी।
अगर आप मेडिकल इंश्योरेंस खरीदते हैं, तो आप आयकर अधिनियम की धारा 80D के तहत भुगतान किए गए प्रीमियम के लिए 25,000 रुपये की कटौती का दावा कर सकते हैं।
सरकार द्वारा हर 15 दिन में विंडफॉल टैक्स की समीक्षा की जाती है। हाल के महीनों में कई बार कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स कम किया जा चुका है।
फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी, आवर्ती जमा यानी आरडी या किसी दूसरे ब्याज अर्जित होने वाले निवेश साधनों से हुई ब्याज आय पर टीडीएस से छूट का रिक्वेस्ट करने पर यह फॉर्म जमा करना होता है।
सरकार द्वारा हर 15 दिन में कच्चे तेल पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स की समीक्षा की जाती है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चल रही कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर ही विंडफॉल टैक्स को घटाया या बढ़ाया जाता है।
आपको सबसे पहले यह देखना है कि आप किस फॉर्म के लिए एलिजिबल हैं। यानी आपको कौन सा फॉर्म चुनना है। साथ ही ई-फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्टर्ड आईडी और एक्टिव पैन कार्ड होना चाहिए ताकि आप अपना टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकें।
आयकर नियमों के मुताबिक, अगर स्थायी खाता संख्या (पैन) बायोमेट्रिक आधार से जुड़ा नहीं है, तो लागू दर से दोगुनी दर पर टीडीएस काटा जाना जरूरी है।
आयकर अधिनियम के तहत इनकम टैक्स छूट का फायदा कामकाजी महिलाएं ले सकती हैं। इसके लिए आपको ऐसे साधनों में निवेश करना होता है जो आपको टैक्स छूट की सुविधा देते हैं। कुछ ऐसे निवेश साधन हैं जो गारंटीड रिटर्न के साथ टैक्स छूट दिलाती हैं।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुल्क के इस ढांचे के मुद्दों को देखने के लिए वित्त मंत्रालय के साथ उत्पादों की एक लिस्ट शेयर की है। इसमें कागज, फर्नीचर, वॉशिंग मशीन, सौर ग्लास और एयर प्यूरिफायर शामिल हैं।
विंडफॉल टैक्स को हर दो सप्ताह में संशोधित किया जाता है। पिछली समीक्षा के दौरान 1 मई को पेट्रोलियम क्रूड पर टैक्स को 9,600 रुपये प्रति टन से घटाकर 8,400 रुपये प्रति टन कर दिया गया था।
देश में जीएसटी आने से पहले हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर 15 प्रतिशत सर्विस टैक्स चुकाना होता है। अब अगर सरकार हेल्थ इंश्योरंस प्रीमियम पर जीएसटी में कटौती करती है तो यह लोगों के लिए और भी किफायती होगा।
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