अगर आपने अभी तक भी टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट नहीं किया है, तो जल्द कर लें। आपको आने वाले कुछ समय में अपनी कंपनी को इन्वेस्टमेंट प्रूफ देने पड़ सकते हैं। न्यू टैक्स रिजीम में डिडक्शन या छूट का कोई प्रावधान नहीं है।
Tax Saving Options: कई बार आप थोड़े से पैसे अधिक होने के चलते टैक्स के दायरे में आ जाते हैं। ऐसे में आप चाहें तो उस दायरे से खुद को निकाल सकते हैं। आसान भाषा में कहें तो टैक्स सेविंग करने के 5 ऐसे धांसू टेक्निक उपलब्ध है कि अकाउंट में पैसा होने पर भी सरकार आपसे टैक्स नहीं वसूल पाएगी। आइए जानते हैं।
2019-20 के टैक्स छूट के लिए निवेश की अंतिम समय सीमा बढ़कर 31 जुलाई 2020 हुई
धारा 80C के तहत आप टैक्स सेविंग के लिए अधिकतम डेढ़ लाख रुपए का निवेश कर सकते हैं। वैसे तो धारा 80C के तहत बचत और निवेश के विकल्पों की भरमार है लेकिन ELSS कई मायनों में अन्य विकल्पों से बेहतर है।
टैक्स बचाने के इस सीजन में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि आप HRA पर कितना टैक्स बचा सकते हैं। आइए, हम वेतन के अनुसार बताते हैं कि आप HRA के तौर पर अधिकतम कितने डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं।
अगर आप इनकम टैक्स देने से बचने के लिए मकान के किराए की नकली रसीद देते हैं तो आप मुसीबत में फंस सकते हैं।
इनकम टैक्स बचाने के साथ-साथ आप 40 फीसदी तक का सालाना रिटर्न पा सकते हैं। टैक्स सेविंग के लिए ELSS चुन कर आप दोहरा लाभ उठा सकते हैं। लॉक-इन अवधि भी 3 साल है।
टैक्स बचाने के इस सीजन में यह जानना जरूरी है कि आप HRA पर कितना टैक्स बचा सकते हैं। आइए, हम बताते हैं कि HRA के तौर पर अधिकतम कितना डिडक्शन पा सकते हैं।
हम आपको कुछ ऐसे खर्च के बारे में बताने जा रहे हैं जो इनकम टैक्स सेविंग में मददगार हैं। ऐसे खर्च आप जाने-अनजाने करते भी हैं।
हर व्यक्ति यही चाहता है कि उसे कम से कम टैक्स देना पड़े। आप सिर्फ सेविंग या इन्वेस्टमेंट ही नहीं बल्कि खर्च के जरिए भी इनकम टैक्स में बचत कर सकते हैं।
बुद्धिमानी से निवेश करते हुए 7.5 लाख तक की सालाना कमाई पर आप इनकम टैक्स बचा सकते हैं। इसके लिए आपको इंवेस्टमेंट के कुछ विकल्पों का ऐसे इस्तेमाल करना है।
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