टैक्स की बचत करने के कई ऑप्शन हैं। कुछ निवेश कर तो कुछ साधन ऐसे हैं जिसमें बिना निवेश किए टैक्स बचाने के अवसर देते हैं। आप अपनी सहूलियत और क्षमता के हिसाब से टैक्स बचाने का अपना फैसला कर सकते हैं।
आयकर अधिनियम के तहत इनकम टैक्स छूट का फायदा कामकाजी महिलाएं ले सकती हैं। इसके लिए आपको ऐसे साधनों में निवेश करना होता है जो आपको टैक्स छूट की सुविधा देते हैं। कुछ ऐसे निवेश साधन हैं जो गारंटीड रिटर्न के साथ टैक्स छूट दिलाती हैं।
क्वांट ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड द्वारा 29.98 प्रतिशत का उच्चतम रिटर्न दिया। इसका मतलब है कि अगर किसी ने इस स्कीम में 1 लाख रुपये का निवेश किया होता तो वह बढ़कर 3.71 लाख रुपये हो जाता।
कोई भी भारतीय पीपीएफ में निवेश कर सकता है। वहीं, केवल वेतनभोगी कर्मचारी जिनके पास कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाता है और नियमित रूप से ईपीएफ में योगदान करते हैं, वे वीपीएफ में पैसा लगा सकते हैं।
अगर निवेश की समयसीमा की बात करें तो एससीएसएस और एफडी में कोई अंतर नहीं है। दोनों में 5 साल की लॉक इन पीरियड है। यानी 5 साल के निवेश करने पर ही टैक्स बचत दी जाएगी।
How to Save Tax: पुरानी टैक्स रिजीम में धारा 80C, 80D और 24B के तहत दी गई छूट का फायदा उठाकर आप आसानी टैक्स सेविंग कर सकते हैं।
ईएलएसएस फंड आपको एक फाइनेंशियल ईयर में 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बचाने में मदद करता है। लॉन्ग टर्म के लिए यह एक उम्दा निवेश माध्यम है।
Tax Saving Tips: पुरानी टैक्स रिजीम के तहत कई सारी इनकम टैक्स की छूट आपको मिलती हैं। जिसके जरिए आप 10 लाख रुपये तक की आय पर शून्य टैक्स भर सकते हैं।
अगर आपने अभी तक भी टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट नहीं किया है, तो जल्द कर लें। आपको आने वाले कुछ समय में अपनी कंपनी को इन्वेस्टमेंट प्रूफ देने पड़ सकते हैं। न्यू टैक्स रिजीम में डिडक्शन या छूट का कोई प्रावधान नहीं है।
टैक्स सेविंग एफडी में आप मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये डिपोजिट कर सकते हैं। इसकी लॉन इन पीरियड पांच साल है।
आयकर अधिनियम के अनुसार सीनियर सिटीजन और सुपर सीनियर सिटीजन को टैक्स में छूट दी जाती है। वहीं दूसरी तरफ लाभ की बात करें तो दोनों के बीच कई समानताएं हैं। यहां इन दोनों के बीच अंतर जानने के अलावा टैक्स सेविंग के टिप्स की जानकारी ले सकते हैं।
आमतौर पर जिन लोगों के पास घर खरीदने के लिए पैसे नहीं है वह किराए के मकान में रहते हैं। ऐसे में House rental agreement बनवाना बेहद जरूरी है। किराए पर रहने वाले लोगों के लिए किसी और शहर में नौकरी मिलने पर घर शिफ्ट करना आसान होता है। यहां जानिए होम रेंटल एग्रीमेंट के 9 फायदें।
वित्त वर्ष 2022-23 जल्द ही खत्म होने वाला है, ऐसे में आपकी इनकम 10 लाख रुपये है और आप अंतिम समय में टैक्स बचाने के तरीके खोज रहे हैं तो आप सही जगह पर हैं। आपको आज हम उन्हीं तरीकों के बारे में जानकारी देने वाले हैं।
अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। इसके लिए लोग कई वर्ष तक सेविंग करते हैं। इसके बावजूद भी संपत्ति की बढ़ती कीमतों के कारण घर नहीं खरीद पाते हैं। घर खरीदने के लिए सेविंग प्लान बनाना जरूरी है। इसके जरिए आप आसानी से टैक्स में भी छूट ले पाएंगे।
टैक्स बचाने के लिए Rent Agreement की जरूरत पड़ती है। इसके बिना ITR फाइल करते समय HRA टैक्स की बचत कर पाना मुस्कील है। इसके लिए रेंट एग्रीमेंट बनवाते समय 5 इंपोर्टेंट प्वाइंट्स को जोड़ना न भूलें। इनमें मंथली किराया, एग्रीमेंट की समय अवधि और अतिरिक्त खर्च शामिल हैं।
सरकारी योजनाओं में निवेश कर टैक्स में छूट लेने के अलावा भी कई विकल्प मौजूद हैं। इसके लिए आपको कहीं भी निवेश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हाउस रेंट, होम लोन, एजुकेशन लोन और बच्चों की ट्यूशन फीस पर भी बहुत ही आसानी से टैक्स बचाने में मदद मिल सकती है।
टैक्स सेविंग करने के लिए लोग अलग-अलग जगह निवेश करते हैं। वहीं दूसरी तरफ अगर आपके नाम पर होम लोन हो तो भी आप टैक्स बेनिफिट्स ले सकते हैं। होम लोन पर टैक्स सेविंग करने के 5 आसान तरीके हैं। इससे टैक्स सेविंग के अलावा होम लोन की ईएमआई देने में भी परेशानी नहीं होती है।
सरकार राजस्व को बढ़ाने के लिए जनता से अलग-अलग रूप में टैक्स लेती है। किसी भी संपत्ति को बेचते समय इस पर होने वाले मुनाफे पर कैपिटल गेन टैक्स देना जरूरी है। इस पर कितना टैक्स लगता है और इसे कैसे बचत कर सकते हैं इसे आसान शब्दों में जानें।
Tax Saving Options: कई बार आप थोड़े से पैसे अधिक होने के चलते टैक्स के दायरे में आ जाते हैं। ऐसे में आप चाहें तो उस दायरे से खुद को निकाल सकते हैं। आसान भाषा में कहें तो टैक्स सेविंग करने के 5 ऐसे धांसू टेक्निक उपलब्ध है कि अकाउंट में पैसा होने पर भी सरकार आपसे टैक्स नहीं वसूल पाएगी। आइए जानते हैं।
बजट को आने में अब कुछ ही दिन बचें है, ऐसे में इससे जुड़े सवाल तो आपके मन में जरूर आते होंगे। वहीं अगर आप इन्हीं सब सवालों के जवाब तलाश रहे हैं तो आप सही जगह पर हैं, आज हम बजट में जुड़े स्टैंडर्ड डिडक्शन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी आपको देने वाले हैं।
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