68 साल बाद एक बार फिर से टाटा ग्रुप, एयर इंडिया का मालिक बन गया है। भारत की सरकारी एयरलाइन कंपनी एअर इंडिया (Air India) की शुरुआत 88 साल पहले टाटा ग्रुप के चेयरमेन 'जहांगीर रतनजी ददभोय टाटा' (JRD Tata) ने की थी और आज एक बार फिर से 88 साल पुराना इतिहास दोहराया गया है।
जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा ने 1932 में एयरलाइन की स्थापना की थी। उस समय इस विमानन कंपनी को टाटा एयरलाइंस कहा जाता था।
जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा ने 1932 में एयरलाइन की स्थापना की थी। तब इसे टाटा एयरलाइंस कहा जाता था।
बेशक बोलियां आमंत्रित की गई थीं और इनका मूल्यांकन अधिकारियों द्वारा और नियत समय में किया जाता है।
टाटा समूह ने अक्टूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया का गठन किया था। सरकार ने 1953 में एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण कर दिया।
चंद्रशेखरन ने कहा कि इस तरह का कोई भी फैसला बोर्ड की नामांकन और पारिश्रमिक समिति द्वारा लिया जाता है। उन्होंने कहा, "ऐसा कोई भी फैसला, अगर जरूरी हो, नामांकन और पारिश्रमिक समिति द्वारा लिया जाता है।
एयरलाइन पर 31 मार्च, 2019 तक कुल 60,074 करोड़ रुपये का ऋण बकाया है। खरीदार को 23,286.5 करोड़ का ऋण अपने ऊपर लेना होगा।
समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी का राजस्व 14.6 प्रतिशत (स्थिर मुद्रा में 12 प्रतिशत) बढ़कर 4.6 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में चार अरब अमेरिकी डॉलर था।
टॉप-50 दानदाताओं की इस लिस्ट में एक और अन्य भारतीय शामिल है, जिनका नाम अजीम प्रेमजी है। वह विप्रो के मानद चेयरमैन हैं।
टाटा डिजिटल ने कहा कि ई-फार्मेसी, ई-डायग्नोस्टिक और टेली-परामर्श इस पारिस्थितिकी तंत्र के महत्वपूर्ण खंड हैं, जो सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में शामिल हैं।
सिंह और दो निवेशक एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के लिए बोली लगाएंगे।
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एनसीएलएटी के 18 दिसम्बर 2019 के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें सायरस मिस्त्री को ‘टाटा समूह’ का दोबारा कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने का आदेश दिया गया था।
साइरस मिस्त्री ने टाटा संस के पद से अचानक हटाए जाने के खिलाफ कानूनी लड़ाई का सहारा लिया था।
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और आरबीआई एमर्जिंग मार्केट्स इक्विटी फंड ने टीसीएस के क्रमश: 16.69 लाख और 7.69 लाख शेयर की पेशकश की।
बेंगलुरु मुख्यालय वाली एरलाइन देश में अपनी सेवाएं शुरू करने के सात साल बाद भी सिर्फ घरेलू उड़ानों तक सीमित है।
चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अब तीन महीने से कुछ ही अधिक समय बचे हैं, ऐसे में विनिवेश प्रक्रिया के पूरा होने की संभावना बहुत कम है।
घाटे में चल रही सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिये नमक से लेकर साफ्टवेयर क्षेत्र में काम करने वाले टाटा समूह के अलावा कई कंपनियों ने प्रारंभिक बोलियां लगायी हैं।
एसपी ग्रुप ने शीर्ष अदालत में टाटा से अलग होने की योजना पेश करते हुए कहा था कि उसकी टाटा संस में 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य 1.75 लाख करोड़ रुपये है।
शापूरजी पालोनजी समूह ने कहा कि टाटा से अलग होने की योजना के तहत मूल्यांकन में किसी तरह के विवाद को समाप्त करने के लिए सूचीबद्ध संपत्तियों में प्रो-राटा के आधार पर विभाजन किया जा सकता है। समूह ने कहा कि टीसीएस में टाटा की हिस्सेदारी 72 प्रतिशत है। क्योंकि टाटा संस में उसकी 18.37 प्रतिशत की हिस्सेदारी है इसके हिसाब से टीसीएस में उसका हिस्सा 13.22 प्रतिशत बैठता है।
साइरस मिस्त्री को टाटा संस से अक्टूबर 2016 में बर्खास्त किए जाने के बाद से एसपी समूह और टाटा के बीच कानूनी जंग जारी है।
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