रतन टाटा की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक टाटा नैनो का उद्देश्य मध्यम वर्ग को आराम देना था। 2000 के दशक की शुरुआत में, इस परियोजना का मकसद मध्यम वर्ग के भारतीयों को एक सुरक्षित और सस्ती चार पहिया वाहन प्रदान करना था।
एक तरफ देश में कारों की बिक्री के रिकॉर्ड बन रहे हैं तो दूसरी तरफ टाटा मोटर्स की एक कार ऐसी भी है जो उसकी मजबूती बन चुकी है। 10 साल पहले लॉन्च हुई टाटा नैनो की मांग लगभग खत्म हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद कंपनी इसके प्रोजेक्ट को बंद नहीं कर रही और मजबूरी में इक्का-दुक्का कार का उत्पादन कर रही है
घरेलू मार्केट में तो Tata Motors इक्का-दुक्का Nano कार बेच देती है लेकिन विदेशी बाजारों में इसका मार्केट इतना खराब हो चुका है कि एक महीने में एक गाड़ी का भी एक्सपोर्ट नहीं हो पाया है
Nano को रतन टाटा का ड्रीम प्रोजेक्ट समझा जाता है और 10 साल पहले उन्होंने ही इसे लॉन्च किया था। लेकिन उनका यह सपना 10 साल में ही टूटता लग रहा है
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