प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश किसानों, उद्योगपतियों और आम जनता के लिए स्पष्ट है कि देश के हितों को सर्वोपरि रखते हुए किसी भी दबाव को सहन किया जाएगा और स्वदेशी को बढ़ावा देकर ही भारत का विकास संभव है।
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी TASS को दिए एक इंटरव्यू में भारतीय राजदूत विनय कुमार ने कहा कि नई दिल्ली की प्राथमिकता देश के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
ये कदम अमेरिकी प्रशासन द्वारा 30 जुलाई को कार्यकारी आदेश जारी करने के बाद उठाया गया है, जिसमें 800 अमेरिकी डॉलर तक की कीमत के आयातित सामानों के लिए लंबे समय से चली आ रही ड्यूटी-फ्री न्यूनतम छूट को रद्द कर दिया गया।
रूसी दूतावास ने कहा कि भारत रूस को इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीन टूल्स और फार्मा सहित अन्य उत्पाद भी निर्यात करता है। रूस अब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए लेविट ने कहा कि ट्रंप ने करीब चार साल से रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को खत्म करने के लिए जबरदस्त सार्वजनिक दबाव डाला है।
सोमवार को एस. जयशंकर के साथ वांग यी की बैठक में कई अन्य पहलों को अंतिम रूप दिया गया था, जिनमें जल्द से जल्द सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करना और एक नए हवाई सेवा समझौते को अंतिम रूप देना शामिल है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री जयशंकर को आश्वासन दिया है कि भारत की उर्वरकों, दुर्लभ मृदा खनिजों और सुरंग खोदने वाली मशीनों की जरूरतों को चीन पूरा करेगा।
टीमलीज सर्विसेज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट बालासुब्रमण्यम आनंद नारायणन का मानना है कि नौकरियों के जाने की संभावना फिलहाल नहीं है।
जेफरी सैक्स ने कहा कि वे लंबे समय से कह रहे थे कि अमेरिका पर भरोसा मत करो। ये मत सोचो कि भारत ग्लोबल वैल्यू चेन में चीन की जगह ले लेगा। ट्रंप ऐसा कभी नहीं होने देंगे।
क्रिस्टोफर वुड ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाना, भारतीय इक्विटी बेचने का कोई कारण नहीं है बल्कि ये भारतीय इक्विटी खरीदने का एक कारण है।
पिछले हफ्ते ट्रंप ने भारत पर रूस से लगातार कच्चा तेल खरीदने के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। लेकिन ट्रंप ने अभी तक चीन के खिलाफ ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की है।
अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है, जबकि दोनों देश एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा कर रहे हैं।
सरकार ने सोमवार को अमेरिका के साथ मौजूदा व्यापार संबंधों को लेकर संसदीय समिति को जानकारी दी।
डोनाल्ड ट्रम्प के 50% टैरिफ को देखते हुए भारत सरकार ने व्यापारिक अनिश्चितताओं से निपटने के लिए ₹20,000 करोड़ का विशेष निर्यात प्रोत्साहन मिशन तैयार किया है। साथ ही सरकार घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रीय मांगों पर विचार कर रही है।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत के साथ टैरिफ को लेकर चल रही मौजूदा परिस्थितियों को लेकर व्यापार वार्ता को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
डोनाल्ड ट्रम्प की तरफ से भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने को लेकर देश में जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। पीएम मोदी सहित कई बड़े नेताओं ने इस पर विरोध भी जताया है। भारत सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30 जुलाई को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जो आज यानी 7 अगस्त से लागू हो गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज करारा जवाब दिया है। पीएम मोदी ने कहा है कि भारत अपने किसानों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है। साथ ही, भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा।
व्हाइट हाउस ने घोषणा की है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस मामले में एक कार्यकारी आदेश जारी किया है। इस नए आदेश में पाया गया है कि भारत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रूसी संघ से तेल आयात कर रहा है।
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