नियमित रूप से अगर आप एसआईपी को बढ़ाते हैं तो अनुशासित बचत की आदत डालने में आपको मदद मिलती है। यह आपको खर्च करने की तुलना में बचत को प्राथमिकता देने और अपने निवेश दृष्टिकोण में स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करता है।
आरडी निश्चित ब्याज दरें प्रदान करता है जो आम तौर पर 5% से 9% के बीच होती हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए थोड़ी अधिक दरें होती हैं। ये दरें पूरी अवधि के लिए लॉक होती हैं। जबकि एसआईपी में रिटर्न की गारंटी नहीं होती है।
एक रेगुलर एसआईपी एक व्यवस्थित निवेश योजना का सबसे आसान रूप है। इसमें आपको नियमित अंतराल पर पैसे डालने होते हैं। आप चाहें तो मासिक, द्वि-मासिक, त्रैमासिक या अर्ध-वार्षिक ऑप्शन चुन सकते हैं।
मार्च, 2024 में एसआईपी खातों की संख्या 8.4 करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। पिछले सात वर्षों में एसआईपी से म्यूचुअल फंड योगदान में चार गुना से अधिक की वृद्धि देखी गई है।
एसआईपी निवेश की खास बात यह है कि आप छोटी बचत राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं। यह बाजार की अस्थिरता और बाजार के समय के बारे में चिंता किए बिना अनुशासित तरीके से निवेश करने में मदद करता है।
म्यूचुअल फंड उद्योग में कुल 44 कंपनियां काम कर रही हैं। इक्विटी कोषों में निवेश के लिए ये कंपनियां मुख्य रूप से एसआईपी पर निर्भर करती हैं।
शेयरों यानि इक्विटी में निवेश कर आप सबसे अधिक रिटर्न पाते हैं। सोने का रिटर्न देखेंगे तो इसने एक साल में निगेटिव रिटर्न दिया है। रियल एस्टेट की हालत भी छुपी नहीं है।
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