उन्होंने बताया कि चॉकलेट निर्माता बैरी कैलेबाउट ग्रुप 2024 तक भारत में अपनी तीसरी विनिर्माण इकाई चालू करने के लिए तैयार है। इसके साथ पिछले करीब पांच वर्षों में कंपनी का भारत में निवेश पांच करोड़ डॉलर से अधिक हो जाएगा।
स्विजरलैंड इस महीने भारत के साथ स्वचालित सूचना विनिमय ढांचे के तहत भारतीयों के स्विस बैंक खाते के विवरण का तीसरा सेट साझा करेगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
भारतीय नागरिकों तथा कंपनियों (भारत में स्थित शाखाओं के जरिये जमा सहित) का स्विस बैंकों में जमा धन 2019 में 5.8 प्रतिशत घटकर 89.9 करोड़ स्विस फ्रैंक (6,625 करोड़ रुपए) रह गया।
दावोस में विश्व आर्थिक मंच यानी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की 50वीं सालाना बैठक शुरू होने जा रही है।
स्विस बैंकों में खाता रखने वाले भारतीयों की जांच के घेरे में एक शाही घराना भी आ चुका है।
स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों के करीब एक दर्जन निष्क्रिय खातों के लिए कोई दावेदार सामने नहीं आया है। ऐसे में यह आशंका बन रही है कि इन खातों में पड़े धन को स्विट्जरलैंड सरकार को स्थानांतरित किया जा सकता है।
स्विट्जरलैंड के कर विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सितंबर 2020 में भारत के साथ फिर वित्तीय खातों की सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा।
मोदी के बारे में बताया जाता है कि वह 2010 में भारत से लंदन चले गए थे। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला चल रहा है,
वार्षिक बैंकिंग आंकड़ों के मुताबिक 2018 में स्विस बैंकों में सभी विदेशियों द्वारा जमा धन में भी 4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है और यह घटकर 1.4 लाख करोड़ स्विस फ्रैंक (लगभग 99 लाख करोड़ रुपए) पर आ गया है।
इससे पहले पिछले माह ऐसे 14 व्यक्तियों लोगों के बारे में सूचना साझा करने से पहले उनको नोटिस जारी किए गए थे।
भारत के लिए अच्छी खबर है। अब अमेरिका रुपए पर करीबी नजर नहीं रखेगा। अमेरिका ने भारत को मुद्रा की निगरानी समिति से बाहर कर दिया है।
स्विट्जरलैंड ने उसके बैंकों में खाता रखने वाले भारतीयों के संबंध में सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। अकेले पिछले सप्ताह ही करीब एक दर्जन भारतीयों को इस संबंध में नोटिस दिया गया है।
आईटीआई आवेदन में पूछे गए सवालों के जवाब में दी गई जानकारी में कहा गया है कि स्विट्जरलैंड ने कालाधन मामलों पर जो सूचना दी है, वह गोपनीयता प्रावधान के अंतर्गत आती है।
भारत आईएमडी बिजनेस स्कूल ऑफ स्विट्जरलैंड की वार्षिक वैश्विक प्रतिभा रैंकिंग में दो पायदान फिसलकर 53वें स्थान पर आ गया है। इस सूची में स्विट्जरलैंड शीर्ष पर है।
किसी भी देश का विदेशी मुद्रा भंडार उसकी मजबूत अर्थव्यवस्था का संकेत होता है और इस मामले में चीन, भारत से लगभग 8 गुना आगे है। दुनियाभर में सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा रखने वाले 10 बड़े देशों के बारे में जानें तो चीन इस मामले में पहले नंबर पर है जबकि भारत सातवें स्थान पर है।
दुनिया भर के बाजारों में भले ही चीन के मोबाइल धूम मचा रहे हैं, लेकिन इस बीच स्विटजरलैंड की एक कंपनी सिरिन लैब्स ने नया फोन लॉन्च कर सबको चौंका दिया है।
स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों की जमा राशि में उछाल की चर्चाओं के बीच सरकार ने आज कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के समय में शुरू की गई उदारीकृत रेमिटेंस (धन बाहर भेजने की) योजना से संभवत: भारतीयों की जमा में इजाफा हुआ है।
2019 से भारत को स्विस बैंक में जमा धन के बारे में पूरी जानकारी मिलनी शुरू हो जाएगी। ऐसा भारत और स्विट्जरलैंड के बीच हुए स्वत: सूचना आदान-प्रदान करार के तहत होगा।
स्विट्जरलैंड में बीते साल 2017 में सिर्फ तीन भारतीय जाली नोट पकड़े गए। हालांकि, इससे पिछले साल स्विट्जरलैंड में जाली भारतीय मुद्रा की जब्ती का आंकड़ा चार गुना बढ़ा था। लंबे समय तक स्विट्जरलैंड को कालेधन का पनाहगाह कहा जाता रहा है।
वीट्जरलैंड की बाटा शू ऑर्गेनाइजेशन, जो बाटा इंडिया की पैतृक कंपनी है, ने उम्मीद जताई है कि इस साल 31 दिसंबर तक भारत टर्नओवर के मामले में इटली को पीछे छोड़ते हुए उसके लिए नंबर वन बाजार बन जाएगा।
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