स्विस बैंकों में भारतीय ग्राहकों का फंड 2019 के अंत में 89.9 करोड स्विस फ्रैंक (6,625 करोड़ रुपये) था। यह 2020 में बढ़कर 2.55 अरब स्विस फ्रैंक (20,700 करोड़ रुपये) पर पहुंच गया।
भारतीय नागरिकों तथा कंपनियों (भारत में स्थित शाखाओं के जरिये जमा सहित) का स्विस बैंकों में जमा धन 2019 में 5.8 प्रतिशत घटकर 89.9 करोड़ स्विस फ्रैंक (6,625 करोड़ रुपए) रह गया।
लगातार दूसरे साल स्विस बैंक में भारतीयों का धन घटा
बर्न में 24 सितंबर को स्विट्जरलैंड के संघीय राजपत्र में प्रकाशित नोटिस में मोटेक सॉफ्टवेयर को अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए एक व्यक्ति नामित करने के लिए कहा गया। इस व्यक्ति की जानकारी 10 दिन के भीतर देने होगी।
स्विस बैंकों में किसी देश के नागरिक और कंपनियों द्वारा धन जमा कराने के मामले में 2017 में भारत 73वें स्थान पर पहुंच गया। इस सूची में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का स्थान भारत से एक ऊपर यानी 72 वां हो गया है।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार कालाधन छुपाने में मदद करने वालों के खिलाफ और भी कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
विदेशों में जमा भारतीयों के कालेधन के खिलाफ अभियान को तेज करते हुए भारत ने स्विट्जरलैंड से कम से कम 10 लोगों और इकाइयों का बैंकिंग ब्योरा मांगा है।
स्विट्जरलैंड ने कहा है कि अगर कालेधन की सूचनाओं के आदान-प्रदान की प्रस्तावित व्यवस्था के तहत गोपनीयता की शर्त को भंग किया गया तो वह सूचनाएं देना रोक सकता है
भारत और स्विट्जरलैंड ने ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इंफोर्मेशन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। सितंबर 2019 से भारत को स्विस बैंक से जानकारी मिलने लगेगी।
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