स्विस बैंकों में किसी देश के नागरिक और कंपनियों द्वारा धन जमा कराने के मामले में 2017 में भारत 73वें स्थान पर पहुंच गया। इस सूची में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का स्थान भारत से एक ऊपर यानी 72 वां हो गया है।
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने चेतावनी दी है कि स्विस बैंकों में अवैध रुप से धन जमा कराने वाले भारतीयों की पहचाना छुपाना अब मुश्किल होगा और ऐसे लोगों पर कालाधन रोधी कानून के तहत सख्त दंडात्मक कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि अगले साल जनवरी से वहां भारतीयों के खातों के बारे में तत्काल स्विट्जरलैंड से सूचनाओं का मिलना शुरु हो जाएगा।
स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों की जमा राशि में उछाल की चर्चाओं के बीच सरकार ने आज कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के समय में शुरू की गई उदारीकृत रेमिटेंस (धन बाहर भेजने की) योजना से संभवत: भारतीयों की जमा में इजाफा हुआ है।
2019 से भारत को स्विस बैंक में जमा धन के बारे में पूरी जानकारी मिलनी शुरू हो जाएगी। ऐसा भारत और स्विट्जरलैंड के बीच हुए स्वत: सूचना आदान-प्रदान करार के तहत होगा।
विदेशों में जमा भारतीयों के काले धन को लेकर जब भी बात उठती है तो सबसे पहले स्विस बैंक का नाम लिया जाता है, इस बार फिर से भारतीयों के पैसों को लेकर स्विस बैंक का नाम सामने आया है। स्विस नेशनल बैंक की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों को मुताबिक 2017 के दौरान बैंक में जमा होने वाले भारतीयों के पैसों में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है
ताजा आंकड़ों के मुताबिक स्विट्जरलैंड के बैंकों में रखे धन के मामले में भारत फिसलकर 88वें स्थान पर आ गया है। वहीं ब्रिटेन पहले पायदान पर बना हुआ है।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार कालाधन छुपाने में मदद करने वालों के खिलाफ और भी कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
स्विट्जरलैंड के बैंकों ने भारत से कहा है कि उसे नई ऑटोमैटिक इंफॉर्मेशन एक्सचेंज व्यवस्था के तहत अपने सूचना की गोपनीयता कड़ाई से सुनिश्चिचत करनी होगी।
ब्लैक मनी रखने के लिए सबसे मुफीद माने जाने वाले स्विस बैंक में अब पैसा जमा करना आसान नहीं होगा। अब भारत को स्विस बैंकों में रखी पाईपाई का हिसाब मिल सकेगा।
विदेशों में जमा भारतीयों के कालेधन के खिलाफ अभियान को तेज करते हुए भारत ने स्विट्जरलैंड से कम से कम 10 लोगों और इकाइयों का बैंकिंग ब्योरा मांगा है।
स्विट्जरलैंड ने कहा है कि अगर कालेधन की सूचनाओं के आदान-प्रदान की प्रस्तावित व्यवस्था के तहत गोपनीयता की शर्त को भंग किया गया तो वह सूचनाएं देना रोक सकता है
भारत और स्विट्जरलैंड ने ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इंफोर्मेशन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। सितंबर 2019 से भारत को स्विस बैंक से जानकारी मिलने लगेगी।
स्विट्जरलैंड के बैंकों में अपने नागरिकों के जमा धन की लिस्ट में भारत खिसककर 75वें स्थान पर पहुंच गया है। इस लिस्ट में ब्रिटेन टॉप पर है।
स्विस बैंकों में भारतीयों का जमा धन 33 फीसदी घटकर रिकॉर्ड निचले स्तर 1.2 अरब फ्रैंक (तकरीबन 8,392 करोड़ रुपए) पर आ गया है।
सरकार ने विदेशी बैंकों में जमा 13,000 करोड़ रुपये के काले धन का पता लगा लिया है। यह आंकड़ा साल 2011 और 2013 में मिली सूचनाओं के आधार पर तैयार किया गया है।
भारतीय टैक्स प्राधिकार ने टैक्स चोरी के लिए प्रोत्साहित करने पर ब्रिटेन के इस बैंक की स्विस और दुबई ब्रांच के खिलाफ मुकदमा चलाने की चेतावनी दी है।
स्विट्जरलैंड ने 1950 के मध्य से अपने यहां निष्क्रिय पड़े कई बैंक खातों को पहली बार सार्वजनिक किया है। इनमें 2,600 खाते तथा 80 लॉकर हैं और इस सूची में चार भारतीयों के नाम जुड़े हैं।
Black money पर सख्ती के तहत भारत ने प्रणीत कौर और उनके बेटे रनिंदर सिंह के तथाकथित स्विस बैंक में खाते की जांच के लिए स्विट्जरलैंड सरकार से मदद मांगी है।
Swiss Bank का नाम तो आपने सुना ही होगा, जो आजकल कालेधन को लेकर काफी चर्चा में है। क्या आपकों पता है, स्विस बैंक में फंड ट्रांसफर करने लिए अलग-अलग कोड-वर्ड का इस्तेमाल किया जाता है।
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