हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से कहा गया कि स्विस अधिकारियों ने अदानी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और प्रतिभूति जालसाजी की जांच के तहत कई स्विस बैंक खातों में $310 मिलियन से अधिक की धनराशि को फ्रीज कर दिया है।
दरअसल, भारत ने स्विट्जरलैंड के साथ मुक्त व्यपार समझौता किया है। इसके चलते भारत ईएफटीए ब्लॉक के साथ अपने व्यापार समझौते के तहत कलाई घड़ियों, चॉकलेट, बिस्किट और दीवार घड़ियों जैसे स्विस उत्पादों पर Custom duty को समाप्त कर देगा।
मोदी सरकार टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों पर लगातार सख्ती बरत रही है। स्विस बैंक की ओर से खाताधारकों का डेटा मिलने से सरकार को कदम उठाने में आसानी होगी। इससे टैक्स चोर आसानी से पकड़ में आ जाएंगे। वहीं, देश के बाहर कालाधन भेजना आसान नहीं होगा।
लेहमन ने संस्थान की विफलताओं के लिए मंगलवार को शेयरधारकों से माफी मांगी और कहा कि इसके चलते पहुंचे आघात और उनके रोष को वह समझते हैं।
ये स्विस बैंक क्या है? क्या मैं भी इस बैंक में अपना खाता खुलवा सकता हूं? अगर हां, तो मुझे कितना पैसा रखना होगा? क्या मुझे यहां पैसे रखने के लिए बैंक को पैसे देने होंगे?
स्विस बैंक भारत को स्विट्जरलैंड के साथ स्वत: सूचना विनिमय समझौते के तहत अपने नागरिकों, कंपनियों के स्विस बैंक खाते के विवरण का तीसरा सेट मिला आज प्राप्त हुआ है।
स्विटरजरलैंड तीसरी बार भारत के साथ बैंक खातों का विवरण साझा करेगा। इससे पहले वह सितंबर 2019 और सितंबर 2020 में ऐसी ही जानकारी साझा कर चुका है।
भारतीय लोगों और कंपनियों का स्विस बैंकों में जमा धन 2020 में 13 साल के उच्चस्तर 2.55 अरब स्विस फ्रैंक या 20,700 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
स्विस बैंकों में भारतीय ग्राहकों का फंड 2019 के अंत में 89.9 करोड स्विस फ्रैंक (6,625 करोड़ रुपये) था। यह 2020 में बढ़कर 2.55 अरब स्विस फ्रैंक (20,700 करोड़ रुपये) पर पहुंच गया।
भारतीय नागरिकों तथा कंपनियों (भारत में स्थित शाखाओं के जरिये जमा सहित) का स्विस बैंकों में जमा धन 2019 में 5.8 प्रतिशत घटकर 89.9 करोड़ स्विस फ्रैंक (6,625 करोड़ रुपए) रह गया।
लगातार दूसरे साल स्विस बैंक में भारतीयों का धन घटा
कोरोना वायरस के कारण वैश्विक हवाई यातायात लॉकडाउन लागू होने से दूसरे देशों के भारत में फंसे लोगों को उनके देश में पहुंचाने के लिए स्विस फेडरेशन डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेन अफेयर्स (FDFA) की ओर से SWISS ने एक विशेष उड़ान, LX154 को ज्यूरिख से मुंबई और नई दिल्ली के लिए भेजा है।
स्विस बैंकों में खाता रखने वाले भारतीयों की जांच के घेरे में एक शाही घराना भी आ चुका है।
स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों के करीब एक दर्जन निष्क्रिय खातों के लिए कोई दावेदार सामने नहीं आया है। ऐसे में यह आशंका बन रही है कि इन खातों में पड़े धन को स्विट्जरलैंड सरकार को स्थानांतरित किया जा सकता है।
स्विट्जरलैंड के कर विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सितंबर 2020 में भारत के साथ फिर वित्तीय खातों की सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा।
बर्न में 24 सितंबर को स्विट्जरलैंड के संघीय राजपत्र में प्रकाशित नोटिस में मोटेक सॉफ्टवेयर को अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए एक व्यक्ति नामित करने के लिए कहा गया। इस व्यक्ति की जानकारी 10 दिन के भीतर देने होगी।
स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा रखे जाने वाले धन के मामले में भारत का स्थान एक पायदान नीचे फिसलकर 74वें स्थान पर आ गया है। जबकि ब्रिटेन अब भी शीर्ष स्थान पर बना हुआ है।
वार्षिक बैंकिंग आंकड़ों के मुताबिक 2018 में स्विस बैंकों में सभी विदेशियों द्वारा जमा धन में भी 4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है और यह घटकर 1.4 लाख करोड़ स्विस फ्रैंक (लगभग 99 लाख करोड़ रुपए) पर आ गया है।
जांच एजेंसियों ने पंजाब नैशनल बैंक (PNB) में हजारों करोड़ रुपये के घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े नीरव मोदी और उसकी बहन के चार बैंक खातों को स्विट्जरलैंड में फ्रीज कर दिया गया है।
इससे पहले पिछले माह ऐसे 14 व्यक्तियों लोगों के बारे में सूचना साझा करने से पहले उनको नोटिस जारी किए गए थे।
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