आर्थिक सुस्ती का असर सीमेंट उद्योग पर भी हुआ है और इस वर्ष अप्रैल से मांग में कमी की समस्याएं आ रही हैं, जिसके कारण अभी सीमेंट कंपनियां अपनी पूरी क्षमता से परिचालन नहीं कर पा रही हैं।
भारतीय परिवारों के पास बिना इस्तेमाल या बेकार पड़े सामान की कीमत का आंकड़ा 78,300 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। यह बात एक सर्वे में सामने आई है।
सुषमा स्वराज ने घोषणा की कि प्रवासी भारतीय और भारतीय मूल के लोगों के लिए अब स्वच्छ भारत और नमामि गंगे जैसी परियोजनाओं के लिए धन ऑनलाइन भेजने की छूट होगी।
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