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आज की इस गिरावट के बाद बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 435.5 लाख करोड़ रुपये से गिरकर 430 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि शेयर बाजार निवेशकों की कुल वेल्थ में आज करीब 5.5 लाख करोड़ रुपये कम हो गई। बताते चलें कि बाजार में आज लगातार तीसरे दिन गिरावट दर्ज की गई है।
यूपी से जुड़े सभी 8 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के बॉर्डर पर सीधे प्रयागराज जाने वाली यूपी रोडवेज की बसें उपलब्ध होंगी। इनमें दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश शामिल हैं।
बीएसई सेंसेक्स 241.30 अंकों की गिरावट के साथ 77,378.91 अंकों पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स भी 95.00 अंकों की गिरावट के साथ 23,431.50 अंकों पर बंद हुआ। हालांकि, आज आईटी सेक्टर के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली।
एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि हमें इन फंड के असल इस्तेमाल पर नजर रखने के लिए एक व्यवहार्य तंत्र की जरूरत होगी। इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि फंड का उपयोग उन मकसदों के लिए किया जाए जिनके लिए उन्हें जुटाया गया है।
टैक्स के बाद लाभ (पीएटी) या शुद्ध लाभ (नेट प्रॉफिट) में समीक्षाधीन तिमाही में 26. 77 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही के 335. 54 करोड़ रुपये से बढ़कर 425. 37 करोड़ रुपये हो गया।
T2 का निर्माण 40 साल पहले एएआई द्वारा किया गया था। दशकों पुराने टर्मिनल में महत्वपूर्ण अपग्रेडेशन किया जाएगा जिसका मकसद यात्री अनुभव को बेहतर बनाना और एयरपोर्ट की क्षमता को बढ़ाना है।
India GDP growth rate : संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में खुदरा महंगाई दर साल 2025 में घटकर 4.3 फीसदी रह सकती है।
हफ्ते के आखिरी दिन कारोबार के दौरान बजाज हाउसिंग फाइनेंस के शेयर 120.85 रुपये के इंट्राडे हाई से लेकर 117.20 रुपये के इंट्राडे लो तक पहुंच गए, जो इसका नया लाइफटाइम लो भी बन गया। बीएसई के डेटा के मुताबिक, कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप 99,646.28 करोड़ रुपये है।
Adani Wilmar share : अडानी ग्रुप अडानी विल्मर में ओएफएस के माध्यम से 20 फीसदी तक हिस्सेदारी बेच रहा है। ओएफएस में 8.44 करोड़ शेयर या 6.50 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी अतिरिक्त रूप से बेचने का विकल्प शामिल होगा।
Difference between flat and reducing rate : रिड्यूसिंग रेट में हर रीपेमेंट के बाद ब्याज की गणना लोन के बचे हुए हिस्से पर होती है। इसका मतलब है कि ब्याज दर समय के साथ घटती जाती है। जैसे-जैसे आपको लोन चुकता जाता है, ब्याज दर घटती जाती है।
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