सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाया भुगतान के लिए अंतिम तारीख 23 जनवरी, 2020 तय की थी।
इससे पहले 16 जनवरी को जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने टेलीकॉम कंपनी की समीक्षा याचिका को रद्द कर दिया था।
कुल मिलाकर दूरसंचार कंपनियों को सरकार को 1.47 लाख करोड़ रुपए का एजीआर बकाए का भुगतान करना है।
प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की सलाह पर नुस्ली वाडिया ने रतन टाटा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दर्ज अवमानना का मामला सोमवार को वापस ले लिया।
टाटा समूह और साइरस मिस्त्री विवाद पर एनसीएलएटी के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए NCLAT के आदेश पर रोक लगा दी है यानी साइरस मिस्त्री टाटा ग्रुप के चेयरमैन नहीं बन पाएंगे।
केंद्र सरकार ने 774 करोड़ रुपए के स्पेक्ट्रम शुल्क की वसूली के लिए आरकॉम द्वारा उसके पास जमा 908 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी को भुना लिया था।
टाटा संस और साइरस मिस्त्री विवाद के बीच साइरस मिस्त्री ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि टाटा समूह में किसी भी भूमिका में लौटने में उनकी कोई रुचि नहीं है।
टीसीएस ने एनसीएलटी के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें उसने साइरस पालोनजी मिस्त्री को कंपनी के निदेशक के रूप में फिर से बहाल करने का आदेश दिया था।
एनसीएलएटी ने टाटा-मिस्त्री मामले में कंपनी पंजीयक (आरओसी) की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार तक स्थगित कर दी है।
टाटा संस ने कहा कि सपूरजी पलोनजी ग्रुप का निवेश केवल 69.57 करोड़ रुपए है।
वाहन डीलरों के संगठन फेडरेशन आफ आटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और भारत चरण-चार उत्सर्जन मानक वाले स्टॉक की बिक्री एक अप्रैल, 2020 के बाद भी करने की अनुमति मांगी है।
राज्यसभा में गुरुवार को कहा गया कि दूरसंचार क्षेत्र से सरकार को मिलने वाले राजस्व में वित्त वर्ष 2019 में सात फीसदी की गिरावट आई है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी लिमिटेड ने दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण के लिये रविवार को नयी बोली सौंपी।
देश के कारपोरेट इतिहास में सबसे ऊंचा तिमाही घाटा दिखाने वाली दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड का मानना है कि सरकार यदि दूरसंचार कंपनियों को बकाये के भुगतान मामले में किसी तरह की राहत देती है तो यह उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ नहीं होगा।
उच्चतम न्यायालय ने एस्सार स्टील मामले में राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के चार जुलाई के आदेश को शुक्रवार को रद्द कर दिया।
पीठ ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण का आदेश रद्द करते हुए कहा कि न्याय करने वाला न्यायाधिकरण वित्तीय मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
रिलायंस जियो के बाजार में प्रवेश करने के बाद से दूरसंचार कंपनियां वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं और उन पर अरबों डॉलर का कर्ज बकाया है।
कंपनी ने कहा कि असाधारण कारण के बाद उसका शुद्ध घाटा 23,045 करोड़ रुपए है, जबकि बिना असाधारण कारण के उसका शुद्ध नुकसान 1,123 करोड़ रुपए है।
टेलीकॉम लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के अलावा जुर्माना और ब्याज के साथ दूरसंचार उद्योग पर 1.4 लाख करोड़ रुपए की देनदारी बन गई है।
महिंद्रा ने ट्वीट कर कहा कि वह पीठ के पांचों न्यायाधीशों के अभूतपूर्व साहस को सराहते हैं।
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