सुप्रीम कोर्ट ने रियल इस्टेट कंपनी सुपरटेक लिमिटेड को निर्देश दिया है कि वह उसकी रजिस्ट्री में 10 करोड़ रुपए और जमा करवाए ताकि उन मकान खरीदारों को ब्याज का भुगतान किया जा सके।
उच्चतम न्यायालय ने आज अपनी रजिस्ट्री को आदेश दिया कि नोएडा में सुपरटेक की परियोजना में फ्लैट बुक कराने वाले 26 खरीदारों को मूलधन लौटाया जाये।
Supertech चालू वित्त वर्ष के दौरान दिल्ली-एनसीआर में 1500 हाउसिंग यूनिट्स को पूरा करने के लिए तकरीबन 2500 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा में सुपरटेक की 40 मंजिला दो आवासीय इमारतें एमेराल्ड टावर्स यदि बिना उचित मंजूरी के बनाई गईं हैं तो इन्हें ढहा दिया जाएगा।
जहां सरकार ने अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, वहीं अब प्रॉपर्टी डेवलपर्स ने भी पूरा जोर अफोर्डेबल हाउस पर लगाने की योजना बनाई है।
एमराल्ड कोर्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को 10 करोड़ रुपए जमा कराने को कहा है। एमराल्ड कोर्ट में बने 2 टावरों की वैधता पर 23 नवंबर को सुनवाई होगी।
SC ने सुपरटेक को आज कड़ा संदेश देते हुए उन निवेशकों का धन लौटाने को कहा जो लंबे समय से अपने सपनों के घर की प्रतीक्षा कर रहे हैं
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने कथित रूप से बिना मंजूरी के निर्माण के मामले में सुपरटेक से ग्रेटर नोएडा में 1,000 से अधिक फ्लैटों को सील करने को कहा है।
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