संपत्ति सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि तीन करोड़ डॉलर से अधिक की हैसियत रखने वाले बेहद अमीर भारतीयों की संख्या वर्ष 2022 में 12,069 रही।
दुनियाभर के धनाढ्य व्यक्तियों में भारत के लोग मात्र एक प्रतिशत हैं। कोविड प्रभावित आलोच्य वर्ष में दुनियाभर में इनकी संख्या 52 लाख बढ़कर 5.61 करोड़ तक पहुंच गई।
फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में स्टिग्लिज ने कहा कि अमेरिका और भारत कोरोना वायरस से निपटने में असफल रहे हैं। भारत में प्रवासी मजदूरों के छूट दिए जाने के चलते कोरोना वायरस बढ़ गया है।
अधिकारियों के एक समूह ने सुपर रिच पर 40% टैक्स के साथ ही विदेशी कंपनियों पर भी ऊंची दर से शुल्क लगाने का सुझाव दिया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि 2022 में जब देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा। सरकार उसी वर्ष अमीरों (सुपर रिच) पर कर-अधिभार की समीक्षा करेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ एफपीआई ट्रस्ट वाले कर ढांचे पर चलते हैं, ऐसे में उन्हें एओपी के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
पतंजलि आयुर्वेद के प्रमोटर और बाबा रामदेव के सबसे विश्वासपात्र योगी बालकृष्ण का नाम भी सुपर रिच की लिस्ट में शामिल किया गया है।
स्टार्टअप्स और न्यू बिजनेस युवा भारतीय अमीरों को पैदा कर रहे हैं। भारत के कुल हाई नेट वर्थ इंडीविजुअल्स (एचएनआई) में आधों की उम्र 40 साल से कम है।
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