पिछले सत्र में गन्ने का न्यूनतम मूल्य 305 रुपये प्रति क्विंटल था। ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा ‘अन्नदाता’ के साथ हैं। सरकार हमेशा कृषि और किसानों को प्राथमिकता देती रही है।
Farmers News: गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी आई है। यूपी सरकार ने किसानों के भुगतान के लिए राशि जारी कर दी है। आइए जानते हैं कि सरकार ने क्या कहा है?
चीनी मिलों की नकदी स्थिति में सुधार के लिए चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य मौजूदा 31 रुपये से बढ़ाकर 34.5-35 रुपये प्रति किलोग्राम किया जाना चाहिए।
किसान गन्ना के राज्य परामर्श मूल्य में वृद्धि की मांग कर रहे थे। वे पहले ही पंजाब सरकार द्वारा घोषित प्रति क्विंटल पर 15 रुपये की वृद्धि ठुकरा चुके थे।
उच्चतम न्यायलय ने केंद्र, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के अलावा पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, गुजरात, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु को भी नोटिस जारी किया।
पिछले 20 वर्षों में यह पहली बार है जब आपात स्थिति में गन्ना किसानों को तत्काल भुगतान की सुविधा दी गई है।
उत्पादन ज्यादा होने के बावजूद गुड़ के दाम में पिछले साल से करीब 200 रुपये प्रति क्विंटल तेजी बनी हुई है। कारोबारियों के मुताबिक इस समय गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और पंजाब से गुड़ की मांग आ रही है।
भारत ने चालू शुगर सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी का रिकॉर्ड निर्यात किया है, लेकिन गन्ना किसानों का बकाया अभी भी मिलों पर 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है
CCEA approves increase in sugarcane FRP by Rs 10 to Rs 285/qtil for 2020-21 2020-21 विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य में वृद्धि का यह फैसला आर्थिक मामलों पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की समिति (सीसीईए) की बैठक में लिया गया।
कुल बकाया में उत्तर प्रदेश के किसानों का हिस्सा करीब 9,500 करोड़ रुपये
गन्ना और चीनी उद्योग पर नीति अयोग द्वारा गठित एक टास्क फोर्स ने दो रुपए प्रति किलो की एकमुश्त वृद्धि की सिफारिश की है।
मई में छूट बढ़ने के साथ चीनी की मांग बढ़ने के संकेत
इस साल चीनी की कुल अनुमानित खपत 290 लाख टन, वहीं कुल आपूर्ति 415 लाख टन संभव
चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का पिछले दो चीनी सत्रों का 2,400 करोड़ रुपए का बकाया है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
केंद्र सरकार द्वारा 2019-20 चीनी वर्ष के लिए एफआरपी में वृद्धि नहीं की गई है।
देश में चीनी उत्पादन पिछले साल के मुकाबले लगभग 54 प्रतिशत पिछड़ गया है।
इस सत्र में महाराष्ट्र में चीनी मिलों ने अब तक गन्ने की पेराई शुरू नहीं की है। इसकी वजह से चीनी उत्पादन में गिरावट आई है।
चीनी मिलों में गन्ने की पेराई और चीनी का उत्पादन नए पेराई सत्र 2019-20 में आरंभ होने में थोड़ा विलंब हुआ, लेकिन देशभर की 28 चीनी मिलें अब चालू हो गई हैं और अब तक 14.50 लाख टन गन्ने की पेराई से कुल 1.25 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।
कैबिनेट ने चीनी वर्ष 2019-20 के लिए चीनी मिलों को चीनी का निर्यात करने के लिए 10,448 रुपए प्रति टन के हिसाब से सब्सिडी देने को मंजूरी दी है।
बेसिक रिकवरी 10 प्रतिशत के अलावा प्रत्येक 0.1 प्रतिशत अतिरिक्त रिकवरी के लिए 2.75 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान चीनी मिलों द्वारा किसानों को किया जाएगा।
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