पिछले 20 वर्षों में यह पहली बार है जब आपात स्थिति में गन्ना किसानों को तत्काल भुगतान की सुविधा दी गई है।
30 अप्रैल 2021 तक देश भर में 106 चीनी मिलें क्रशिंग कार्य कर रहीं थीं। वहीं पिछले साल इस समयसीमा तक 112 चीनी मिलें चीनी का उत्पादन कर रही थीं।
इस्मा ने अनुमान जताया है कि 2020-21 में चीनी का उत्पादन 3.02 करोड़ टन रह सकता है। पिछले साल देश में 2.742 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
पाकिस्तान की सरकारी ट्रेडिंग कंपनी टीसीपी ने सोमवार को 50,000 टन सफेद चीनी के आयात के लिये वैश्विक निविदा जारी की है।
भारत से चीनी और कपास के आयात की अनुमति देने के पाकिस्तान ईसीसी के फैसले को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रोक दिया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत को लेकर फिर बड़ा बयान दिया है। इमरान खान ने कहा है कि पाकिस्तान मौजूदा परिस्थियों में भारत के साथ किसी भी व्यापार को आगे नहीं बढ़ा सकता है।
यूपी की योगी सरकार का दावा है कि पिछले 4 साल में 45.44 लाख से अधिक गन्ना किसानों को राज्य सरकार ने 130,000 करोड़ रुपय को भुगतान किया है।
पाकिस्तान ने पांच अगस्त, 2019 में कश्मीर को लेकर तनाव बढ़ने के मद्देनजर पड़ोसी देश से अपने आयात पर पाबंदी लगा दी थी।
पाकिस्तान ने 19 माह बाद भारत के साथ शुरू किया फिर व्यापार, आयात करेगा चीनी और कपास
चीनी उद्योग के प्रमुख संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने बुधवार को कहा कि चीनी मिलों ने अक्टूबर-सितंबर 2020-21 वर्ष में अब तक 43 लाख टन चीनी निर्यात करने के अनुबंध किए हैं।
पाकिस्तान ने बीते 8 महीने में 33 लाख टन गेहूं का आयात किया है, जिसका बिल 91 करोड़ डॉलर है। खास बात ये ही कि बीते साल की इसी अवधि में गेहूं का कोई आयात नहीं किया गया था। वहीं चीनी के आयात में बीते साल के मुकाबले 6000 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त रही है।
उद्योग संगठनों से मिली जानकारी के अनुसार, 39 लाख टन निर्यात के जो सौदे हुए हैं उसमें से 18.5 लाख टन चीनी मिलों के गोदामों से उठ चुकी है और 12.5 लाख टन देश के बाहर भी जा चुकी है। भारत ने इंडोनेशिया, श्रीलंका, अफगानिस्तान, न्यूजीलैंड, यूएई के अलावा अफ्रीका के कई देशों को चीनी निर्यात किया है।
चीनी वर्ष 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में उत्पादन 2.74 करोड़ टन था। हालांकि नए अनुमान के मुताबिक अब देश में 3.02 करोड़ टन चीनी का उत्पादन होगा। देश में सालाना चीनी की खपत 2.6 करोड़ टन है।
आंकड़ों के मुताबिक 28 फरवरी 2021 तक देश की 502 चीनी मिलों ने कुल मिलाकर 233.77 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। जबकि पिछले साल की इसी अवधि में कुल मिलाकर 194.82 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
पाकिस्तानियों को चीनी खाने के लिए भारतीयों की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है।
लॉजिस्टिक्स की दिक्कतों और ईरान को निर्यात किए जाने की संभावना कम होने से देश का चीनी निर्यात चालू चीनी विपणन वर्ष 2020-21 में 24 प्रतिशत घटकर 43 लाख टन रह सकता है।
इस्मा के मुताबिक 31 जनवरी 2021 तक देश में 491 चीनी मिलों ने 176.83 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था जबकि पिछले साल की इसी अवधि तक 447 चीनी मिलों ने 141.04 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था।
इस्मा के अनुमानों कें मुताबिक 2020-21 शुगर सीजन में उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें 105 लाख टन चीनी का उत्पादन कर सकती हैं। पिछले साल 126.37 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। वहीं महाराष्ट्र में 105.41 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान है जो कि पिछले साल 61.69 लाख टन के स्तर पर था।
उत्पादन ज्यादा होने के बावजूद गुड़ के दाम में पिछले साल से करीब 200 रुपये प्रति क्विंटल तेजी बनी हुई है। कारोबारियों के मुताबिक इस समय गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और पंजाब से गुड़ की मांग आ रही है।
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