सूत्रों ने कहा कि अब जब पेराई समाप्त हो रही है, तो चीनी उद्योग सरकार से एथनॉल उत्पादन के लिए बी-हैवी शीरा के उपलब्ध अतिरिक्त भंडारण के इस्तेमाल की अनुमति देने की मांग कर रहा है।
Sugar Export: भारत सरकार ने निर्यातकों को कुछ नियम के साथ चीनी विदेशों में बेचने की अनुमति दे दी है। यह मंजूरी सिर्फ मई के अंत तक ही दी गई है।
World's Largest Sugar Producer: भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक और उपभोक्ता और दूसरे सबसे बड़े निर्यातक के रूप में उभरा है।
डीसीएम श्रीराम अजबापुर में 50 करोड़ रुपये के निवेश के साथ अपनी जल्द शुरू होने वाली 120 किलोलीटर प्रतिदिन क्षमता वाली डिस्टलरी के लिए 260 किलो लीटर प्रतिदिन की क्षमता का ग्रेन अटैचमेंट बनाएगी।
पिछले 20 वर्षों में यह पहली बार है जब आपात स्थिति में गन्ना किसानों को तत्काल भुगतान की सुविधा दी गई है।
चीनी उद्योग के प्रमुख संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने बुधवार को कहा कि चीनी मिलों ने अक्टूबर-सितंबर 2020-21 वर्ष में अब तक 43 लाख टन चीनी निर्यात करने के अनुबंध किए हैं।
इस्मा ने कहा कि इस अधिक उत्पादन का कारण यह है कि महाराष्ट्र में पेराई का काम जल्दी शुरू किया गया तथा चालू सत्र में गन्ना की अधिक मात्रा में उपलब्ध है।
द्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, भारत ने चालू सीजन 2019-20 में अब तक चीनी निर्यात के 57 लाख टन के सौदे किए हैं।
सरकार की इस योजना का मकसद चीनी मिलों को गन्ने से इथेनॉल बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। योजना के तहत सरकार ने अनुदान को दोगुना कर दिया है,
खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि 60 लाख टन चीनी में से 57 लाख टन चीनी के लिए सौदे हो चुके हैं।
भारत ने चालू शुगर सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी का रिकॉर्ड निर्यात किया है, लेकिन गन्ना किसानों का बकाया अभी भी मिलों पर 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है
भारत ने चालू शुगर सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में करीब 56 लाख टन चीनी का निर्यात किया है, जोकि अब तक के निर्यात का रिकॉर्ड स्तर है और उद्योग को 60 लाख टन निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने की उम्मीद थी।
चीनी मिलों का 2019-20 के चीनी सत्र में अब तक 2.7 करोड़ टन चीनी का उत्पादन
इस साल चीनी की कुल अनुमानित खपत 290 लाख टन, वहीं कुल आपूर्ति 415 लाख टन संभव
चीनी मिलों को अगले हफ्ते तक रिपोर्ट देने के निर्देश
इस्मा ने चीनी मिलों के उत्पादन के आंकड़े भी जारी किए हैं। घरेलू चीनी मिलों का उत्पादन 15 मार्च 2020 तक घटकर 215.82 लाख टन रहा। जबकि 15 मार्च 2019 तक यह 273.65 लाख टन था।
चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का पिछले दो चीनी सत्रों का 2,400 करोड़ रुपए का बकाया है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
केंद्र सरकार द्वारा 2019-20 चीनी वर्ष के लिए एफआरपी में वृद्धि नहीं की गई है।
देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में मिलों ने 15 दिसंबर तक 21.2 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में यह 15 प्रतिशत अधिक है।
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