केंद्र सरकार ने चीनी मिलों को फिर राहत देते हुए न्यूनतम सांकेतिक निर्यात कोटा यानी एमआईईक्यू के तहत चीनी निर्यात की समयसीमा तीन महीने बढ़ा दी है।
चीन और भारत के रिश्तों में भले ही कड़वाहट हो, लेकिन जल्द ही कारोबार में मिठास आ सकती है। खबर है कि भारत इस साल पहली बार चीन को चीनी निर्यात कर सकता है।
केंद्रीय खाद्यमंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि वर्तमान आयात नीति के तहत निजी कारोबारियों को पाकिस्तान से चीनी आयात करने से नहीं रोका जा सकता है। पासवान ने पत्रकारों को बताया कि दरअसल, पाकिस्तान की चीनी कोई मसला नहीं है।
चीनी उद्योग के आंकड़ों को देखें तो इस साल देश में चीनी उत्पादन 295 लाख टन तक पहुंच सकता है जो अबतक का सबसे अधिक उत्पादन होगा, ज्यादा उत्पादन की वजह से निर्यात को मंजूरी दी गई है
सरकार ने चीनी के निर्यात पर लगने वाले 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क को समाप्त कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि चीनी के निर्यात को बढ़ावा देने और जमा स्टॉक को कम करने के मकसद से सरकार ने यह कदम उठाया है।
फरवरी अंत तक देश में 230.5 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जो चीनी वर्ष 2016-17 में फरवरी अंत तक हुए उत्पादन से 67.88 लाख टन ज्यादा है
देश में चीनी उत्पादन 261 लाख टन होने का अनुमान है। इससे पहले 251 लाख टन चीनी पैदा होने का अनुमान लगाया गया था। पिछले साल देश में 203 लाख टन चीनी का उत्पादन हो सका था
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