नितिन गडकरी ने कहा, ''उपभोक्ता अब अपनी पसंद से ईवी और सीएनजी वाहनों को खरीदने लगे हैं। मुझे नहीं लगता है कि हमें अब इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अधिक सब्सिडी देने की जरूरत रह गई है।''
मंत्री ने कहा-हमें उन सभी चीजों को अपनाना होगा, जो भी सबसे अच्छा, सकारात्मक तरीका है, हमें उन फैसलों को लेना होगा। फेम 3 अस्थायी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) 2024 की जगह लेगा, जो सितंबर में खत्म होने वाली है।
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने में और तेजी लाने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय ने 500 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रिक परिवहन संवर्धन योजना 2024 (ईएमपीएस 2024) शुरू की है।
उज्ज्वला योजना (Ujjwala Yojana) के लाभार्थी एक सिलेंडर के लिए 603 रुपये का भुगतान करते हैं, जबकि आम कस्टमर दिल्ली में 903 रुपये देते हैं।
फेस्टिवल सीजन के दौरान स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क पर छूट (Exemption in stamp duty and registration Fee) की पेशकश भी कई राज्य सरकारें करती हैं। इसका भी फायदा आप उठा सकते हैं।
अधिकारी ने कहा, अनुदान के लिए आवेदन करने को 10-15 दिन के भीतर एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जाएगा।
भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर का बाजार शुरू होने से पहले ही खत्म होता दिख रहा है। सब्सिडी के बलबूते बढ़ रही यह इंडस्ट्री बैसाखी छिनते ही बिखरने सी लगी है।
दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देशों के बाद बिजली कंपनियों का ऑडिट किया जा रहा है।
बहुत सारे लोगों को यह लगता है कि इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से उन्हें सब्सिडी बैटरी पर नहीं बल्कि वाहन पर मिलती है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ सत्र (एक अप्रैल, 2022 से 30 सितंबर 2022 तक) में फॉस्फेटिक और पोटाश उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) को मंजूरी दी है।
इस बारे में भारत ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि चीनी क्षेत्र के लिये जारी भारत के किसी भी मौजूदा नीतिगत उपायों पर विश्व व्यापार संगठन की समिति के निष्कर्षों का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
अधिकारी ने कहा कि इन वार्ताओं का मकसद सब्सिडी अनुशासन है, जिससे देशों को अत्यधिक मछली पकड़ने से रोका जा सके। भारत द्वारा डब्ल्यूटीओ में जो प्रस्ताव सौंपा गया है वह महत्वपूर्ण है।
CCEA ने NBS योजना के तहत गन्ने के शीरे (0:0:14.5:0) से प्राप्त पोटाश को शामिल करने को भी मंजूरी दी।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र की राज्य सरकार पहले ही इनकी खरीद पर सब्सिडी देने का एलान कर चुकी हैं।
सरकार की योजना के हिस्से के तौर पर पात्र कर्ज लेनदारों को पिछले पांच साल के दौरान 30,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी उपलब्ध कराई है।
वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने मंगलवार को कहा कि सरकार की राजकोषीय स्थिति बेहतर करने के लिये कृषि, खाद्य एवं उर्वरक सब्सिडी में सुधारों की जरूरत है।
मौजूदा समय में, सरकार शहर के कचरे से बनी शहरी खाद के उत्पादन और खपत को बढ़ाने के लिए सब्सिडी के रूप में 1,500 रुपये प्रति टन एमडीए देती है।
वर्तमान में, बीपीसीएल के पास 8.4 करोड़ से अधिक घरेलू एलपीजी ग्राहक हैं। इनमें 2.1 करोड़ उज्ज्वला ग्राहक हैं।
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई फेम-दो योजना में सब्सिडी में संशोधन किए जाने और गुजरात सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2021 के बाद दाम में यह कटौती की गई है।
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए मांग प्रोत्साहन को 10,000 से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति यूनिट (किलो वाट/घंटा) क्षमता किया है। इंडस्ट्री अब तिपहिया वाहनों के लिये भी ऐसी छूट मांग रही है।
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