इंफोसिस के मार्केट कैप में 20,973.19 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई और ये घटकर 7,35,277.28 करोड़ रुपये हो गया। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का मार्केट कैप 19,157.77 करोड़ रुपये घटकर 15,30,469.11 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड में वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा, "इस सप्ताह सबका ध्यान वैश्विक बाजारों पर रहेगा क्योंकि हम स्थिरता की लंबी अवधि के बाद कमजोरी का असर देख सकते हैं।
बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक बाजार में लिस्टिंग होने के साथ ही निवेशक एफकॉम होल्डिंग्स के शेयर खरीदने के लिए टूट पड़े। कुछ ही देर में कंपनी के शेयरों में 5 प्रतिशत का अपर सर्किट लग गया और कंपनी के शेयर अपने लिस्टिंग वाले दिन ही 215.45 रुपये के भाव पर पहुंच गए।
दवा कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अरबिंदो फार्मा के रेवेन्यू में भी अच्छी बढ़ोतरी हुई है और ये 10.5 प्रतिशत की उछाल के साथ 7,567 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
आईआरएफसी ने इस हफ्ते शेयर बाजार एक्सचेंजों को बताया था कि 12 अगस्त, 2024 को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की एक अहम बैठक होने जा रही है।
हिंडनबर्ग ने X पर एक पोस्ट किया है। उसने जल्द ही भारत को लेकर एक बड़ा खुलासा करने का दावा किया है। अब देखना होगा कि इस बार हिंडनबर्ग की चपेट में कौन सी कंपनी या संस्था आती है।
38 साल के भाविश अग्रवाल के पास कंपनी की लिस्टिंग के समय ओला इलेक्ट्रिक के 1,36,18,75,240 शेयर (36.94 प्रतिशत हिस्सेदारी) थे। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, भाविश की नेट वर्थ में 1.4 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है।
एनबीसीसी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए श्रीनगर विकास प्राधिकरण ने उन्हें 15,000 करोड़ रुपये का ठेका दिया है। इस प्रोजेक्ट के तहत जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के बेमिना में एनबीसीसी को 406 एकड़ में एक सैटेलाइट टाउनशिप का निर्माण करना है।
ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ 2 अगस्त को खुला था और 6 अगस्त को बंद हुआ था। कंपनी के आईपीओ को कुल 4.5 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। आज कंपनी की शेयर बाजार में लिस्टिंग हो गई।
गुरुवार को बड़ी गिरावट के बाद शुक्रवार को हफ्ते के आखिरी दिन भारतीय शेयर बाजार तेज बढ़त के साथ खुले हैं। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है।
NSE को शुरुआती 4 करोड़ निवेशक रजिस्टर करने में 25 साल का समय लगा था। जिसके बाद NSE ने हर साल औसतन 6-7 महीनों में 1 करोड़ नए निवेशक जोड़े। आखिरी के 1 करोड़ निवेशकों को जोड़ने में सिर्फ 5 महीने का समय लगा।
शेयर बाजार में पिछले हफ्ते शुक्रवार से चल रही गिरावट आखिरकार बुधवार को थम गई। बुधवार को सेंसेक्स 874.94 अंकों की तेजी के साथ 79,468.01 अंकों पर बंद हुआ था। वहीं दूसरी ओर निफ्टी भी 304.95 अंकों के उछाल के साथ 24,297.50 अंकों पर बंद हुआ था।
एवरेजिंग करते वक्त कंपनी की बैलेंस शीट, कारोबारी मॉडल, वैल्यूएशन और आउटलुक जरूर देखें। ऐसा नहीं कि आप जिस भाव पर एवरेजिंग कर रहे हैं, उस भाव पर भी वह स्टॉक महंगा है।
जब भारत की बात आती है, तो यहां के बाजार की स्थिति ज्यादा बेहतर और अधिक लचीला नजर आता है, जैसा कि हमें सोमवार को देखने को मिला। भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार को एक बार फिर से बेहतर वापसी की।
आपको बता दें कि सोमवार को अमेरिका में मंदी की आहट से दुनियाभर के शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट रही थी। बीएसई सेंसेक्स 2,200 अंक से अधिक का गोता लगाया था। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 662 अंक की बड़ी गिरावट आई थी।
अमेरिकी आर्थिक विश्लेषण ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल से जून तिमाही के दौरान अमेरिकी जीडीपी 2.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी। अमेरिकी विकास दर इतनी जल्दी नकारात्मक में जाने की संभावना नहीं है।
अमेरिकी मार्केट का असर भारतीय शेयर बाजार पर जोरदार दिखा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स आज 2222 अंक की गिरावट के साथ 78,759 पर बंद हुआ।
अमेरिका द्वारा जारी किए गए आर्थिक आंकड़ों के बाद मंदी का जोखिम बढ़ने की संभावना गहरा गई है। जिसकी वजह से निवेशक शेयर बेचकर पैसा निकाल रहे हैं।
ग्लोबल मार्केट में जारी गिरावट की चपेट में भारतीय शेयर बाजार भी फंस गया है। हफ्ते के पहले ही दिन सोमवार को भारतीय शेयर बाजार भयानक गिरावट के साथ खुले। निवेशकों के लाखों करोड़ डूब गए हैं। ऐसे में अगर आप बाजार में पैसा लगाते हैं क्या करें?
सोमवार को दोपहर 2.28 बजे तक Nikkei 225 इंडेक्स 4,186.97 अंकों (11.66%) की भारी-भरकम गिरावट के साथ 31,722.73 अंकों पर कारोबार कर रहा था। पिछले हफ्ते शुक्रवार को भी Nikkei 225 में 5.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी।
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