एशिया के अन्य बाजारों में की बात करें तो चीन, जापान, सिंगापुर जैसे कारोबारी देशों के सूचकांक आज तेजी के साथ बंद हुए हैं।
लॉर्ज कैप स्टॉक उन कंपनियों की होती है, जिनका कारोबार स्थापित होता है। लार्ज-कैप कंपनियों का मार्केट कैप 20,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक होता है।
अन्य निवेशों की तुलना में शेयर बाजार अच्छा रिटर्न देगा लेकिन इसके लिए निवेशक को दम साधकर कम से कम एक साल धर्य के साथ निवेश करना होगा।
घरेलू मोर्चे पर किसी बड़े घटनाक्रम के अभाव में इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक रुझानों से तय होगी।
खराब वैश्विक संकेतों और विदेशी निवेशकों की द्वारा धड़ाधड़ बिकवाली की वजह से पांच दिनों के कारोबार में निफ्टी 5.8 फीसदी टूट गया।
बाजार में एक हफ्ते के भीतर दूसरी बड़ी गिरावट मंदी की खाई और गहरी होने के संकेत दे रहे हैं।
निवेशकों में आज शुरुआत से ही पॉजिटिव सेंटिमेंट दिखा और उन्होंने जमकर खरीदारी की। इस दौरान रिलायंस और मारुति जैसे हैवीवेट शेयरों ने जोरदार प्रदर्शन किया।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज में वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को बाताया कि मजबूत फंडामेंटल वाले शेयर हमेशा निवेशकों को फायदा कराते हैं।
भारतीय बाजार में गिरावट की एक कड़ी दूसरे एशियाई बाजारों से भी जुड़ी है। एशिया के सियोल और टोक्यो में बाजार मंदी के साथ कारोबार कर रहे थे
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 153.13 अंक यानी 0.29 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,693.57 अंक पर बंद हुआ।
सोमवार को जब अमेरिकी शेयर बाजार खुले तो यहां भी भयंकर गिरावट दर्ज की गई। डाओ जोंस 880 अंक लुढ़ककर 31,392 पर बंद हुआ है। नैस्डेक 4.7% और S&P 500 3.9% की गिरावट के साथ बंद हुआ है।
कीस्टोन रियल्टर्स ने IPO के जरिए 850 करोड़ रुपए जुटाने के लिए SEBI के पास शुरुआती दस्तावेज जमा करवाए हैं वहीं क्रॉम्पटन ग्रीव्स NCD जारी कर 925 करोड़ रुपए जुटाएगा।
घरेलू और वैश्विक मोर्चे पर घटनाक्रमों से चिंतित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाली का सिलसिला जारी है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, इस सप्ताह आने वाले आंकड़ों और महत्वपूर्ण घटनाक्रमों की वजह से बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रह सकता है।
निफ्टी के सभी सेक्टोरल इंडेक्स फिलहाल लाल निशान पर ट्रेड कर रहे हैं। सबसे ज्यादा पिटाई IT इंडेक्स की हुई है। ये सेक्टर 1.81% की गिरावट दर्ज कर चुका है
सेंसेक्स में गिरावट के रुख के बीच बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,08,291.75 करोड़ रुपये घटकर 2,54,33,013.63 करोड़ रुपये रह गया।
बाजार में गिरावट के बावजूद कई स्मॉल कैप स्टॉक निवेशकों को शानदार रिटर्न देने का काम कर रहे हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि बाजार में हाल में सुधार दिखा है, लेकिन यह अभी मजबूत नजर नहीं आ रहा है।
अक्टूबर, 2021 से मई, 2022 तक आठ माह में एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों से 2.07 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में पावरग्रिड, लार्सन एंड टुब्रो, भारती एयरटेल, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एचडीएफसी लिमिटेड में सर्वाधिक गिरावट देखी गई।
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