कल सेंसेक्स 223.60 अंक की बढ़त के साथ 61,133.88 अंक पर बंद हुआ था। हालांकि, कल पूरा दिन बाजार नुकसान में होता दिखाई दिया था।
भारतीय बाजार में गिरावट के पीछे विदेशी बाजारों की कमजोरी को माना जा रहा है। बुधवार को अधिकांश अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। वहीं आज सुबह एशियाई बाजारों में भी कमजोरी दिखाई दी है।
एफपीआई की पूंजी निकासी के लिहाज से यह सबसे खराब वर्ष रहा। इससे पहले, उन्होंने लगातार तीन साल तक पूंजी लगायी थी।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स मामूली 17.15 अंक गिरकर 60,910.28 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी पर भी दबाव देखने को मिला।
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि बाजार में बड़ी गिरावट आने से नीचे स्तर से खरीदारी लौटी है। कई अच्छी कंपनी के शेयर ठीक वैल्यूएशन पर मिल रहे हैं।
कल शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई थी। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में उछाल देखा गया था। कल कई शेयर फायदे में रहे थे तो वहीं कुछ निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा था।
पिछले सप्ताह सेंसेक्स 1,492.52 अंक या 2.43 प्रतिशत टूटा, जबकि निफ्टी में 462.20 अंक या 2.52 प्रतिशत की गिरावट आई थी। इस हफ्ते भी मार्केट में अस्थिरता का अनुमान लगाया जा रहा है।
संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने से शुक्रवार को एशियाई बाजारों में गिरावट का रुख रहा। वहीं स्थानीय बाजार भी इससे अछूते नहीं रहे। देश के दोनों प्रमुख सूचकांकों में गिरावट का यह लगातार चौथा दिन रहा।
अमेरिकी बाजार की बात करे तो बुधवार को डॉओ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 526.74 अंक या 1.6 प्रतिशत बढ़कर 33,376.48 पर, एसएंडपी 500 56.82 अंक या 1.49 प्रतिशत बढ़कर 3,878.44 पर और नैस्डैक कंपोजिट 162.26 अंक या 1.54 प्रतिशत बढ़कर 10,709.37 पर पहुंच गया।
सेबी की प्रमुख माधवी पुरी बुच ने बैठक के बाद कहा कि नियामक ने शेयर बाजार से शेयर पुनर्खरीद के तरीके में पक्षपात की आशंका को देखते हुए अब निविदा प्रस्ताव मार्ग को वरीयता देने का फैसला किया है।
मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स 104 अंकों की गिरावट के साथ 61,702 पर बंद हुआ था। जबकि निफ्टी भी गिरकर 18,385 पर बंद हुआ था।
भारतीय इक्विटी बाजारों के मजबूत फंडामेंटल के बावजूद संस्थागत निवेशक प्रीमियम वैल्यूएशन को लेकर चिंतित हैं। जबकि मंदी अंतरराष्ट्रीय इक्विटी बाजारों के लिए एक नया डर है
आज भारतीय शेयर बाजार की हालत खराब है। मार्केट खुलते ही सेंसेक्स में जोरदार गिरावट देखी गई। निफ्टी भी अपने आप को संभालने में नाकामयाब रहा।
शुक्रवार को सेंसेक्स 461.22 अंक यानी 0.75 फीसदी की गिरावट के साथ 61,337.81 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 140.05 अंक यानी 0.76 फीसदी की गिरावट के साथ 18274.85 के स्तर पर बंद हुआ था।
शेयर बाजार से प्राप्त आंकड़ों को देखें तो इस साल आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के जरिये वर्ष 2022 में महज 57,000 करोड़ रुपये ही जुटाए जा सके।
सेंसेक्स में पॉवर ग्रिड, विप्रो, आईटीसी, भारती एयरटेल, नेस्ले, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा तथा एचडीएफसी बढ़ने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक, लार्सन एंड टूब्रो के शेयरों में गिरावट हुई।
बैंक के फाइनेंशियल पर नजर डालें तो रेवन्यू यानी राजस्व में लगातार वृद्धि हुई है। बीते पांच साल का डाटा देंखे तो बैंक के रेवन्यू ग्रोथ अच्छी बनी हुई है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा ने कहा कि किसी भी बड़ी घटना के अभाव में बाजार वैश्विक सूचकांकों, विशेष रूप से अमेरिकी संकेतों से प्रभावित होगा।
शेयर बाजार में सिर्फ निवेश करने से अच्छा रिटर्न नहीं मिलता है, बल्कि सही तरीके से इन्वेस्ट करने से कमाई होती है। आज ऐसे ही 5 तरीकों के बारे में हम बताने जा रहे हैं।
दो दिन पहले यानि बुधवार 14 दिसंबर की बात करें तो बीएसई की कुल कंपनियों का मार्केट कैप 291.25 लाख करोड़ था। यानि मात्र 2 दिनों में मार्केट कैप करीब 5.5 फीसदी घट गया है।
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