ऑटो को छोड़कर, दूसरे सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए, जिसमें एफएमसीजी, मेटल, ऑयल एंड गैस और मीडिया में 1-2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
मैक्वेरी ने इसमें कहा है कि चीन द्वारा की गई प्रोत्साहन पहल निवेशकों को आकर्षित कर सकती है। इसके साथ ही, ऐसी भी संभावनाएं हैं कि इस तरह की और घोषणाएं चीनी शेयरों को बढ़ावा दे सकती हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट के लिए भारत का दबदबा बना रहेगा।
17 अक्टूबर को निफ्टी आईटी हरे रंग में कारोबार करने वाला एकमात्र सेक्टर था। इधर, सेक्टोरल इंडेक्स में इंफोसिस, टेक महिंद्रा, एम्फैसिस, टीसीएस और विप्रो ने प्रमुख रूप से गिरावट दर्ज की।
कंपनी ने शेयर मार्केट एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया कि उन्होंने दूसरी तिमाही में कुल 12,21,504 गाड़ियां बेचीं, जो पिछले साल की दूसरी तिमाही की तुलना में 16 प्रतिशत ज्यादा है। बजाज ऑटो ने वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में कुल 10,53,953 गाड़ियां बेची थीं।
15 अक्टूबर को सेक्टोरल इंडेक्स निफ्टी रियल्टी की तेजी में प्रेस्टीज एस्टेट, डीएलएफ, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, फीनिक्स और गोदरेज प्रॉपर्टीज का सबसे बड़ा योगदान रहा।
बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.3 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई और स्मॉलकैप इंडेक्स में सपाट गिरावट दर्ज की गई। आज के सत्र में विप्रो, टेक महिंद्रा, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस, एलएंडटी और एचडीएफसी बैंक निफ्टी 50 में सबसे ज्यादा लाभ वाले स्टॉक के तौर पर उभरे।
शंघाई और शेनझेन बाजारों में कारोबार करने वाले शीर्ष 300 शेयरों पर नज़र रखने वाले सीएसआई300 इंडेक्स में 5.6 प्रतिशत की गिरावट आई। चीनी शेयरों में भारी गिरावट आई, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि बाजार अब आधे-अधूरे वादों को नहीं खरीद रहा है।
निफ्टी पैक के शेयरों में सबसे अधिक तेजी बीपीसीएल में 2.88 फीसदी, टाटा मोटर्स में 1.98 फीसदी, श्रीराम फाइनेंस में 1.92 फीसदी, टेक महिंद्रा में 1.34 फीसदी और एशियन पेंट में 1.32 फीसदी देखी गई।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) निफ्टी 50 सूचकांक पर ट्रेंट, एचडीएफसी बैंक, अपोलो हॉस्पिटल्स और इंडसइंड बैंक शीर्ष लाभार्थी हैं, जबकि शीर्ष पिछड़ने वालों में टाटा स्टील, पावर ग्रिड, जेएसडब्ल्यू स्टील, बीपीसीएल और नेस्ले इंडिया शामिल हैं।
शेयर बाजार में निवेश का एक बुनियादी नियम वास्तव में लंबी अवधि के बारे में सोचना है। यह इसे सुरक्षित निवेश नहीं बना सकता है, लेकिन यह ऐसे निवेशों में शामिल जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है।
घरेलू बाजार में शुक्रवार, 20 सितंबर से शुरू हुए गिरावट का दौर लगातार जारी है। आज हफ्ते के पहले दिन बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली। आज सेंसेक्स की 30 में से 23 कंपनियों के शेयर नुकसान में और सिर्फ 7 कंपनियों के शेयर फायदे में रहे।
इस साल अगस्त में, ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को 76 रुपये के निर्गम मूल्य पर सूचीबद्ध किया गया था। सर्वकालिक उच्च स्तर को छूने के बाद से, शेयर उन स्तरों से 43 प्रतिशत नीचे आ चुका है।
एनएसई ने 07 अक्टूबर 2024 को एफएंडओ बैन लिस्ट में जीएनएफसी, बंधन बैंक, बिड़लासॉफ्ट, ग्रेन्यूल्स इंडिया, हिंदुस्तान कॉपर, मणप्पुरम फाइनेंस और आरबीएल बैंक को शामिल किया है।
चाइना फोकस्ड म्यूचुअल फंड्स ने पिछले एक हफ्ते में 21.39 फीसदी का एवरेज रिटर्न दिया है। वहीं, कुछ फंड्स ने 30 फीसदी से ऊपर का रिटर्न भी दिया है। Mirae Asset Hang Seng TECH ETF FoF ने बीते एक हफ्ते में 33.43 फीसदी का जबरदस्त रिटर्न दिया है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव का सीधा असर शेयर बाजार पर देखने को मिल रहा है। बाजार में 5 दिनों से जारी गिरावट की वजह से शेयर बाजार निवेशकों को 16.26 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
शुक्रवार को सेंसेक्स की 30 में से 22 कंपनियों के शेयर लाल निशान में और बाकी की 8 कंपनियों के शेयर हरे निशान में बंद हुए। इसी तरह निफ्टी 50 की भी 50 में से 37 कंपनियों के शेयर लाल निशान में और 13 कंपनियों के शेयर हरे निशान में बंद हुए।
इस हफ्ते भारतीय बाजार में गिरावट हावी रही। सोमवार को बीएसई सेंसेक्स 1272.07 अंकों की गिरावट के साथ 84,299.78 अंकों पर बंद हुआ तो वहीं दूसरी ओर निफ्टी 50 भी 368.10 अंकों के नुकसान के साथ 25,810.85 अंकों पर बंद हुआ।
Why Share Market Fall Today : शेयर बाजार में आई भारी गिरावट से आज निवेशकों ने करीब 6 लाख करोड़ रुपये गंवा दिये हैं। जेफरीज के क्रिस वुड ने भारत पर अपना वेटेज 1% कम कर दिया है और चीन पर अपना वेटेज 2% बढ़ा दिया है।
बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 27 सितंबर को 477.93 लाख करोड़ रुपये के लाइफटाइम हाई पर पहुंच गया था। उसी दिन सेंसेक्स ने 85,978.25 अंक के अपने लाइफटाइम हाई को छुआ था। बीएसई सेंसेक्स ने कैलेंडर ईयर 2024 में अब तक 12,026.03 अंक यानी 16.64 प्रतिशत की छलांग लगाई है।
इस साल अभी तक 62 कंपनियां अपने आईपीओ के जरिए कुल मिलाकर 64,000 करोड़ रुपये जुटा चुकी हैं। ये साल 2023 के पूरे साल में 57 आईपीओ के जरिए जुटाए गए 49,436 करोड़ रुपये से 29 प्रतिशत ज्यादा है।
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