अगर कल को आप न रहें तो ऐसे में आपकी पत्नी पर आपके घर की पूरी जिम्मेदारी आ जाएगी। लेकिन घर की जिम्मेदारी संभालने के लिए पैसे होना बहुत जरूरी है। पैसों के बिना आपका कोई काम नहीं होगा। ऐसे में अपने सभी बचत खातों, निवेश आदि में अपनी पत्नी को नॉमिनी बनाना बहुत ज्यादा जरूरी है।
बीते सत्र में बीएसई सेंसेक्स 239.37 अंकों की बढ़त के साथ 77,578.38 अंकों पर बंद हुआ और निफ्टी 50 भी सिर्फ 64.70 अंकों की बढ़त के साथ 23,518.50 अंकों पर बंद हुआ।
शेयर बाजार में जारी गिरावट के बीच म्यूचुअल फंड निवेशकों का पोर्टफोलियो लगभग तबाह हो चुका है। हालांकि, बाजार में आज जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही थी लेकिन अंत में आकर बड़ी बढ़त, मामूली बढ़त में बदल गई। पिछले 1 महीने के दौरान कंजम्पशन बेस्ड फंडों में 9.18% का नुकसान दर्ज किया गया।
निफ्टी पर ट्रेंट, बीपीसीएल, इंफोसिस, एनटीपीसी और अदानी पोर्ट्स प्रमुख लाभ में रहे, जबकि डॉ रेड्डीज लैब्स, श्रीराम फाइनेंस, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, एशियन पेंट्स और जेएसडब्ल्यू स्टील में गिरावट दर्ज की गई।
क्षेत्रीय सूचकांकों में, निफ्टी आईटी सबसे अधिक 0.8% लुढ़का। भारत के कुल शेयर बाजार पूंजीकरण में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) की हिस्सेदारी नवंबर में तीव्र सुधार के बीच 11 महीने के निचले स्तर पर आ गई है।
यह सप्ताह भी छुट्टी के कारण छोटा है, और आय सत्र के लगभग समाप्त हो जाने के कारण, ध्यान फिर से एफआईआई प्रवाह पर चला जाएगा। विदेशी संस्थागत निवेशक पिछले डेढ़ महीने से लगातार बिकवाली कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, व्यापारी वैश्विक बाजार के रुझानों पर कड़ी नज़र रखेंगे।
शेयर बाजार निवेशक डरे हुए हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि यह बाजार कहां तक टूट सकता है। अगर आप भी उन निवेशकों में हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। बाजार में तेजी लौटेगी।
निफ्टी पर भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, हीरो मोटोकॉर्प, एमएंडएम, मारुति सुजुकी, टाटा स्टील प्रमुख रूप से नुकसान में हैं, जबकि भारती एयरटेल, टाइटन कंपनी, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई लाभ में हैं।
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान ने कहा कि आज बेंचमार्क इंडेक्स में भारी बिकवाली देखी गई, निफ्टी 257 अंक नीचे बंद हुआ जबकि सेंसेक्स 790 अंक नीचे रहा।
निफ्टी पर सन फार्मा, ट्रेंट, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक सबसे ज्यादा लाभ में हैं, जबकि ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, एशियन पेंट्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, एचडीएफसी बैंक और एनटीपीसी सबसे ज्यादा नुकसान में हैं।
वित्तीय प्रौद्योगिकी ब्रोकरेज कंपनी एंजेल वन की पहल फिन वन की रिपोर्ट सर्वेक्षण में शामिल 45% लोगों ने इन्हें सावधि जमा (एफडी) या सोने जैसे अधिक पारंपरिक विकल्पों पर तरजीह दी है। मौजूदा समय में 58% युवा भारतीय निवेशक शेयरों में निवेश करते हैं, जबकि 39% म्यूचुअल फंड में निवेश करना पसंद करते हैं।
मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच कारोबार की शुरुआत में लगभग 1234 शेयरों में बढ़त हुई, 1452 शेयरों में गिरावट आई तथा 156 शेयरों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
15 नवंबर को गुरुनानक जयंती के मौके पर शेयर बाजार की छुट्टी रहेगी। बीएसई और एनएसई ने गुरुनानक जयंती की छुट्टी की भी सूचना साझा की है। गुरुनानक जयंती के मौके पर भी भारतीय शेयर बाजार में किसी तरह का कोई कारोबार नहीं होगा।
ऑटो, मेटल, पावर, टेलीकॉम, फार्मा, रियल्टी में 1-2 प्रतिशत की गिरावट के साथ सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.5-0.5 प्रतिशत की गिरावट आई।
सेबी ने अपने स्टेटमेंट में कहा, ऐसी गतिविधियां निवेशकों की सुरक्षा के लिए बनाए गए प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम 1956 और सेबी अधिनियम 1992 का उल्लंघन हैं।
कोल इंडिया ने 15.75 रुपये प्रति शेयर का अंतरिम लाभांश घोषित किया है और इस भुगतान के लिए पात्र शेयरधारकों को निर्धारित करने के लिए 5 नवंबर को रिकॉर्ड तिथि निर्धारित की है।
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि 23,500 पर निफ्टी का मजबूत सपोर्ट लेवल है। अगर बाजार एक बार टूटकर 23,500 पर जाता है तो वहां से रिकवरी देखने को मिल सकती है। एक्सपर्ट का कहना है कि बाजार निवेशकों को अभी साइड में बैठकर तमाशा देखना बेहतर होगा।
अगर पिछले महीने की बात करें तो निवेशकों के 31 लाख करोड़ रुपये डूब गए। अक्टूबर की शुरुआत में बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 4,74,86,463.65 रुपये था जो 31 अक्टूबर को घटकर 4,44,71,429.92 रह गया। इस तरह पिछले महीने निवेशकों के एक झटके में 30 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
सेंसेक्स में 26 स्टॉक्स लाल निशान में और सिर्फ 4 शेयर हरे निशान में ट्रेड कर रहे हैं। अमेरिकी चुनाव से पहले बाजार में यह बड़ी गिरावट आई है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, वैश्विक बाजार कुछ दिन तक अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों पर प्रतिक्रिया देंगे, जिसके बाद अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि, मुद्रास्फीति और फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय जैसे बुनियादी कारक बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे।
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