भारत चीन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक बना हआ है। चीन का कच्चे इस्पात का उत्पादन बीते साल 105.30 करोड़ टन रहा। इसमें पिछले साल के मुकाबले 5.2 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।
गडकरी ने कहा कि सरकार ने अगले 5 साल में 111 लाख करोड़ रुपये के इंफ्रा प्रोजेक्ट लागू करने की योजना बनाई है, अगर कीमतें ऐसी ही बढ़ती रही तो सरकार के लिए प्रोजेक्ट लागू करने में काफी मुश्किल होगी। इस्पात की कीमतों में पिछले छह महीनों में 65 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है।
Big steel, cement firms operating as a cartel; need to place regulator, गडकरी ने कहा कि यदि स्टील और सीमेंट की कीमतें इसी तरह बढ़ती रहीं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत को 5 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना साकार करना मुश्किल होगा।
उद्योग जगत ने एंथ्रेसाइट कोयला पर मौजूदा मूल सीमा शुल्क 2.5 प्रतिशत को घटाकर शून्य करने का सुझाव दिया है। साथ ही मेटालर्जिकल कोक के लिये आयात शुल्क मौजूदा 5 प्रतिशत से कम कर 2.5 प्रतिशत करने का सुझाव दिया।
वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक एसोसिएशन में शामिल 64 देशों में कच्चे इस्पात का उत्पादन नवंबर 2020 में पिछले साल के मुकाबले 6.6 प्रतिशत बढ़कर 15.82 करोड़ टन रहा। पिछले साल के इसी महीने में देशों का कुल कच्चे इस्पात का उत्पादन 14.842 करोड़ टन था।
उद्योग संगठन ने स्टेनलेस स्टील के बने चादरें समेत अन्य फ्लैट उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने और उसे कार्बन स्टील उत्पादों के स्तर पर लाने की मांग की है।
विश्व के 64 देशों में कच्चे इस्पात का उत्पादन अक्टूबर 2020 में पिछले साल के मुकाबले 7 प्रतिशत की बढ़त के साथ 16.18 करोड़ टन रहा। अक्टूबर 2019 में कच्चे इस्पात का उत्पादन 15.12 करोड़ टन रहा था।
सरकार ने इस्पात विनिर्माताओं से ऐसे ग्रेड के इस्पात की पहचान करने को कहा जिनका विनिर्माण भारत में नहीं होता, लेकिन उनका इस्तेमाल व्यापक है।
आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में 64 देशों का कुल इस्पात उत्पादन 0.6 प्रतिशत बढ़कर 15.62 करोड़ टन पर पहुंच गया। इसमें ब्राजील और चीन के उत्पादन में बढ़त देखने को मिली है। वहीं अमेरिका और यूरोपियन देशों के उत्पादन में गिरावट का रुख रहा
‘इंडस्ट्री प्रवासी मजदूरों को सस्ता घर देने के लिए भी कदम उठाए’
लौह अयस्क की संशोधित कीमतों में रॉयल्टी, डिस्ट्रिक मिनरल फंड, नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट, उपकर, फॉरेस्ट परमिट फीस और अन्य कर शामिल नहीं हैं।
जुलाई माह में कारखानों की क्षमता का औसतन 83 प्रतिशत इस्तेमाल हुआ वहीं जून 2020 में यह 76 प्रतिशत ही रहा था।
यह आर्डर कंपनी को सितंबर और अक्टूबर में पूरा करना है। यह उत्पादन कंपनी के चेन्नई संयंत्र में होगा।
सरकार ने 2030 तक देश की कच्चा इस्पात उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 30 करोड़ टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
जून के महीने में निर्यात ने भी रिकॉर्ड स्तर छुआ
लॉकडाउन के बीच कृषि कार्य जारी रहने से मई के दौरान फर्टिलाइजर प्रोडक्शन में 7.5% की बढ़त
स्टील उत्पादों पर कम से कम शुल्क 13.70 डॉलर प्रति टन का है और अधिक से अधिक 173.10 डॉलर प्रति टन का शुल्क है। वियतनाम, चीन और दक्षिण कोरिया में तैयार होने वाले और इन देशों से भारत को निर्यात होने वाले कुछ स्टील उत्पादों पर यह शुल्क लागू किया गया है।
उत्पादों पर 222 डॉलर से 334 डॉलर प्रति टन का डंपिंगरोधी शुल्क लगाने की सिफारिश
घरेलू कंपनियों की मदद के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी की समय सीमा बढ़ी
स्टील और सीमेंट सेक्टर में अप्रैल के दौरान सबसे तेज गिरावट दर्ज
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