राज्यों को जल-आपूर्ति और स्वच्छता, शहरी विकास, सड़कों एवं सिंचाई जैसे ढांचागत क्षेत्रों पर पूंजीगत व्यय 18-20 प्रतिशत होने से कुल राजस्व घाटा बढ़ेगा। इसलिए राज्यों को अधिक कर्ज लेने की जरूरत पड़ेगी।
मौजूदा राशि के साथ चालू वित्त वर्ष में जीएसटी मुआवजे के बदले ऋण के रूप में जारी की गई कुल राशि 1.15 लाख करोड़ रुपये हो चुकी है, जो कुल अनुमानित कमी का 72 प्रतिशत से अघिक है।
पंद्रहवें वित्त आयोग ने पीडीआरडी अनुदान के लिए आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल की सिफारिश की है।
इस तिमाही के दौरान उत्तर प्रदेश 25,000 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र 22,500 करोड़ रुपये, बिहार 12,000 करोड़ रुपये और पश्चिम बंगाल लगभग 18,000 करोड़ रुपये उधार लेगा
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुताबिक ईंधनों से हासिल होने वाले करों की प्राप्तयों में उछाल और केंद्रीय अनुदानों के बढ़ने से राजस्व बढ़ेगा
गरीबी हटाने का लक्ष्य, सभी को भोजन का लक्ष्य, स्वास्थ्य, शिक्षा, लैंगिक समानता, पेयजल और स्वच्छता, ऊर्जा, आर्थिक विकास, इंफ्रस्ट्रक्चर, समानता आदि के आधार पर रैंकिंग
इस विकल्प को स्वीकार करने पर राज्यों को आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत राज्य सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.50 प्रतिशत की अंतिम किस्त का कर्ज बिना किसी शर्त के लेने की अनुमति होगी।
चालू वित्त वर्ष में राज्यों की आय में 15 प्रतिशत की गिरावट आयी है। जबकि उनकी उधारी 36 प्रतिशत बढ़कर 68 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है जो दशक का उच्च स्तर है। राज्यों का राजस्व घाटा चालू वित्त वर्ष में छह प्रतिशत रहने का अनुमान है।
केंद्र सरकार ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिया है। पहले विकल्प के तहत रिजर्व बैंक के द्वारा 97 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के लिये विशेष सुविधा दिये जाने , तथा दूसरे विकल्प के तहत पूरे 2.35 लाख करोड़ रुपये बाजार से जुटाने का प्रस्ताव है।
कर्नाटक के लिये 4,509 करोड़ रुपये, तेलंगाना के लिये 2,508 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश के 2,525 करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज लेने को मंजूरी दी है। गोवा को 223 करोड़ रुपये और त्रिपुरा को 148 करोड़ रुपये बाजार से कर्ज लेने की मंजूरी दी गयी है।
छह गैर भाजपा शासित राज्यों- पंजाब, पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना ने कर्ज लेने की सलाह खारिज कर कहा है कि जीएसटी राजस्व की कमी की भरपाई के लिये कोई वैकल्पिक प्रणाली तैयार की जानी चाहिये। वहीं राजस्थान और पुड्डेचेरी ने भी इस मामले में क्षतिपूर्ति के लिये इन राज्यों का अनुसरण करने की बात कही है।
केंद्र और राज्यों के बीच अक्टूबर महीने में एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) में पड़े 32,000 करोड़ रुपए का बंटवारा किया गया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय कारोबार सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) के मामले में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) की रैंकिंग मंगलवार को जारी करेगा। वर्ष 2016 की अखिल भारतीय राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों की कारोबार सुगमता रैंकिंग में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना संयुक्त रूप से शीर्ष पर रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास को गति देने के इरादे से राज्यों से पिछड़े जिलों की तर्ज पर 20 प्रतिशत प्रखंडों को चिह्नित करने और उन्हें आगे बढ़ाने पर विचार करने को कहा है। नीति आयोग की चौथी संचालन परिषद बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा चिह्नित 115 पिछड़े जिलों की तर्ज पर, राज्य विकास की रफ्तार से पीछे छूटे प्रखंड की पहचान करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान देश में फैक्ट्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जारी आंकड़ों से यह जानकारी निकलकर आई है। आंकड़ों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी के शुरुआती 2 साल यानि 2014-15 और 2015-16 के दौरान देश में फैक्ट्रियों की संख्या में 8 हजार से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है
केंद्र ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के क्रियान्वयन के लिए राज्यों को अपनी बीमा कंपनियों के गठन की अनुमति दे दी है। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह जानकारी दी।
अबतक राज्यों (अधिकतर) को जो मन है, वह इस समय इसे GST के दायरे में लाने के पक्ष में नहीं है
वित्त मंत्रालय के मुताबिक अबतक देशभर में कुल 95.9 लाख कारोबारी GST के तहत पंजीकृत हो चुके हैं जिनमें से 15.1 लाख कंपोजिशन स्कीम के तहत पंजीकृत हुए डीलर हैं
मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। यह आयोग देश के कर संसाधनों का आकलन करने और उसे राज्यों के बीच बांटने का फॉर्मूला सुझाएगा।
महाराष्ट्र में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हो जाएंगी क्योंकि राज्य सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर स्टेट सरचार्ज घटाए जाने का निर्णय किया है।
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