राज्यों को जल-आपूर्ति और स्वच्छता, शहरी विकास, सड़कों एवं सिंचाई जैसे ढांचागत क्षेत्रों पर पूंजीगत व्यय 18-20 प्रतिशत होने से कुल राजस्व घाटा बढ़ेगा। इसलिए राज्यों को अधिक कर्ज लेने की जरूरत पड़ेगी।
केंद्र और राज्यों के बीच अक्टूबर महीने में एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) में पड़े 32,000 करोड़ रुपए का बंटवारा किया गया।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक अबतक देशभर में कुल 95.9 लाख कारोबारी GST के तहत पंजीकृत हो चुके हैं जिनमें से 15.1 लाख कंपोजिशन स्कीम के तहत पंजीकृत हुए डीलर हैं
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