फंड जुटाने में अभिषेक अमिताभ बच्चन और सचिन रमेश तेंदुलकर सहित कई दिग्गज व्यक्तियों सहित कई पारिवारिक कार्यालयों और निवेशकों ने भाग लिया। ज़ेप्टो की तरफ से कहा गया कि यह राउंड भारतीय निवेशकों की परिवर्तनकारी स्टार्टअप का समर्थन करने की बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
लिंक्डइन इंडिया की करियर एक्सपर्ट और एडिटोरियल चीफ नीरजिता बनर्जी ने कहा, “इस साल की टॉप स्टार्टअप लिस्ट भारत के उभरते हुए उद्यमशील इकोसिस्टम का सच्चा प्रतिबिंब है। बेंगलुरु लगातार आगे बढ़ रहा है।''
मेक इन इंडिया भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य भारत में उत्पादों के विकास, निर्माण और असेम्बलिंग के लिए कंपनियों को प्रोत्साहित करना और विनिर्माण में समर्पित निवेश को प्रोत्साहित करना है।
भारत उद्यमियों, इनोवेटर्स और निवेशकों को एक साथ लाने के लिए 500 एकड़ तक की टाउनशिप की योजना बना रहा है। इसका फायदा यह मिलेगा कि वह एक ही छत के नीचे अहम संसाधनों, सलाहकारों और सुविधाओं तक पहुंच सकते हैं।
देश में 111 यूनिकॉर्न में से लगभग 18 प्रतिशत का नेतृत्व महिलाएं ही कर रही हैं। तमिलनाडु में 2014 में 15,550 महिलाएं कंपनियों के निदेशक मंडल में शामिल थीं। अगस्त 2024 में यह संख्या 4.3 गुना होकर 68,000 हो गयी।
बता दें, आम बजट 2024-25 में सरकार ने एंजेल टैक्स को हटा दिया है। इसके हटने से स्टार्टअप में विदेशी फंडिंग बढ़ेगी।
भारतीय डीपटेक स्टार्टअप ने पिछले पांच साल में लगभग 10 अरब डॉलर जुटाए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में ही कुल 85 करोड़ डॉलर जुटाए गए। यह 2022 में जुटाए गए 3.7 अरब डॉलर की तुलना में 77 प्रतिशत कम है।
अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने हाल ही में पूरी तरह से 3डी-प्रिंटेड इंजन वाला दुनिया का पहला रॉकेट लॉन्च किया। इसी के साथ रॉकेट अग्निबाण एसओआरटीईडी भारत का पहला सेमी-क्रायोजेनिक इंजन-संचालित रॉकेट लॉन्च बन गया।
CIEL HR Services द्वारा किए गए एक अध्ययन में सामने आया कि स्टार्टअप क्षेत्र में गंभीर हाई एट्रिशन दर का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें औसत कार्यकाल 2-3 साल है।
भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम मैच्योर है और इसमें कई अनुकूल परिस्थितियां भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
स्टार्टअप इंडिया को 16 जनवरी 2016 को पीएम मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था। तब से, भारत ने 1 लाख 30 हजार से अधिक स्टार्टअप, 115 से अधिक यूनिकॉर्न और 350 बिलियन डॉलर मूल्य के कारोबार के विकास को देखा है।
हुरुन ग्लोबल यूनिकॉर्न इंडेक्स 2024 में कहा गया है कि देश ने दुनिया भर में यूनिकॉर्न के लिए तीसरा सबसे बड़ा केंद्र होने का टैग बरकरार रखा है।
Startup Mahakumbh : स्टार्टअप महाकुंभ में डीपटेक, एआई और सास, फिनटेक, एग्रीटेक, बायोटेक, क्लाइमेट टेक, गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स पर घटनाओं की विविधता और गहराई को प्रदर्शित करने के लिए 10 थीमैटिक पवेलियन हैं।
भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए हर साल 10 अरब डॉलर या लगभग 80,000 करोड़ रुपये की फंडिंग पर्याप्त है। आज भारत में करीब 20 स्टार्टअप हैं, जो शेयर बाजार में लिस्टेड हैं।
Startup Mahakumbh 2024 : अगर आप स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं या अपने बिजनेस का विस्तार करना चाहते हैं, तो कई सरकारी योजनाओं की मदद ले सकते हैं। इन योजनाओं में लोन की सुविधा भी मिलती है।
Startup Mahakumbh 2024 : स्टार्टअप महाकुंभ में दो हजार से अधिक स्टार्टअप, एक हजार से अधिक निवेशक, 300 इनक्यूबेटर, तीन हजार सम्मेलन प्रतिनिधि, 20 से अधिक देश के प्रतिनिधि, सभी भारतीय राज्यों के भावी उद्यमी, 50 से अधिक यूनिकॉर्न और 50 हजार से अधिक व्यवसायी शामिल हो सकते हैं।
कंपनी पर वित्तीय कुप्रबंधन और आक्रामक मार्केटिंग के आरोप लगे जिसने कंपनी पर निगेटिव असर डाला। कंपनी के पतन में यह एक बड़ी वजह बनी। बायजू ने अधिकांश कर्मचारियों की पीएफ मनी जमा ही नहीं की है।
देश में ऐसे आठ हजार से अधिक स्टार्टअप हैं जिनकी संस्थापक महिलाएं हैं। अब तक इन स्टार्टअप की कुल फंडिंग लगभग 23 अरब डॉलर है।
सरकार दो हजार स्टार्टअप स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन कम संख्या में सावधानी से चुने गए स्टार्टअप को सीड फंडिंग प्रदान करके सरकार दीर्घकालिक आर्थिक विकास के लिए गुणवत्ता से अधिक मात्रा को प्राथमिकता दे सकती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बायजू को कर्मचारियों और वेंडरों का बकाया चुकाने के लिए कम से कम 500-600 करोड़ रुपये की जरूरत है। आपको बता दें कि कोरोना महामारी के समय बायजू ने तेजी से पंख फैलाए। उसे देश की सबसे मूल्यवान स्टार्टअप का तमगा भी मिला लेकिन यह कायम नहीं रह सका।
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