ब्रिटेन से 1948 में आजाद होने के बाद श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। विदेशी मुद्रा संकट से निपटने के लिए श्रीलंका को कम से कम चार अरब डॉलर की जरूरत है।
केंद्रीय बैंक के गवर्नर नंदलाल वीरासिंघे ने कहा कि वाणिज्य बैंकों से लिए जाने वाली स्थानीय जमा सुविधा दर और स्थायी ऋण सुविधा दर को एक-एक प्रतिशत बढ़ाकर क्रमश: 14.50 और 15.50 प्रतिशत कर दिया गया है।
औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में विदेशी मुद्रा को आकर्षित करने के इरादे से विदेशी मुद्रा अधिनियम के तहत विदेशी मुद्रा रखने की सीमा घटाई जा रही है।
श्रीलंका के ताजा हालात पर नजर डालने के लिए भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन की अगुवाई में सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को श्रीलंका पहुंच रहा है।
श्रीलंका में ऐसे हालात बीते 4 महीनों से हैं। अब जाकर सरकार ने इस संकट से मुकाबला करने के लिए बड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
इसी के साथ यूक्रेन पर 24 फरवरी को आक्रमण के बाद रूस से कच्चे तेल को खरीदने वाला नया एशियाई देश बन गया।
श्रीलंका ने अपने नागरिकों से अपील किया है कि वे ईंधन के लिए ‘कतार में खड़े होकर इंतजार नहीं करें।’’
विक्रमसिंघे 2015 से 2019 के अपने पिछले कार्यकाल में श्रीलंकन एयरलाइंस का निजीकरण करने में नाकाम रहे थे।
मई महीने से अगले तीन माह यानी जुलाई तक करीब 33 लाख परिवारों को वित्तीय भत्ता दिया जाएगा।
मार्च में मुद्रास्फीति 18.7 फीसदी रही थी। अप्रैल 2022 में खाद्य मुद्रास्फीति 46.6 प्रतिशत के चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई।
श्रीलंका इस समय दिवालिया होने की कगार पर है और 1948 के बाद से सबसे भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
चीन ने कोविड के पहले दुनिया के अलग-अलग छोटे बड़े और विकासशील समेत गरीब मुल्कों मे ऐसी साजिश रची कि आधी दुनिया उसके झांसे में आ गई।
आईओसी ने पेट्रोल की कीमत में 50 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 75 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी।
श्रीलंका पर 51 अरब डॉलर का भारी भरकम कर्ज है। जिसमें करीब 36 फीसदी की हिस्सेदारी चीन की है।
पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की सरकार के समय अधिकारी को छह अप्रैल, 2020 को एनआरबी का 17वां गवर्नर नियुक्त किया गया था।
बढ़े हुए दाम शुक्रवार से प्रभाव में आएंगे। एक महीने में यह तीसरी बार है जब कंपनी ने ईंधन के दाम बढ़ाए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि 1996 के बाद यह पहली बार है, जब इतने समय तक बिजली कटौती हो रही है।
श्रीलंका की वर्तमान आर्थिक स्थिति इतनी विकट है कि उसके पास ईंधन की दो खेप के भुगतान के लिए पर्याप्त मात्रा में अमेरिकी डॉलर भी नहीं है।
भारत के कदम पर टिप्पणी करते हुए विश्लेषकों ने यहां कहा कि भारतीय सहायता श्रीलंका के दिसंबर के अंत में घोषित विदेशी मुद्रा भंडार को दोगुना करने में योगदान दे सकती है।
एक अनुमान के मुताबिक श्रीलंका को इस वर्ष 1.5 से दो अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज चीन को चुकाना है।
लेटेस्ट न्यूज़