यह बढ़ोतरी मात्रा में उछाल और काली मिर्च, इलायची और हल्दी जैसी कुछ किस्मों के लिए उच्च कीमतों के कारण देखी गई। भारत का लाल मिर्च निर्यात वित्त वर्ष 24 में अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंच गया है।
Indian spices : सिंगापुर और हांगकांग ने कैंसर से जुड़े कुछ ईटीओ के संदिग्ध ऊंचे स्तर का हवाला देते हुए 2 भारतीय ब्रैंड्स के कुछ मसालों की बिक्री रोक दी थी।
अमेरिका, बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलियाई खाद्य नियामकों ने जांच शुरू कर दी है। हालांकि, एवरेस्ट और एमडीएच दोनों ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है।
भारत हर साल 600 करोड़ रुपए की हींग अफगानिस्तान, ईरान और उजबेकिस्तान सहित मध्य एशिया के विभिन्न देशों से आयात करता है।
देश से मसालों के निर्यात में कुछ उठाव आया है लेकिन छोटी इलायची के निर्यात में 72 प्रतिशत की भारी गिरावट देखने को मिली है।
स्पाइसेज बोर्ड ऑफ इंडिया के मुताबिक अप्रैल से दिसंबर 2017 के दौरान देश से कुल 797145 टन मसालों का एक्सपोर्ट हुआ है जबकि वित्तवर्ष 2016-17 की समान अवधि में 663247 टन मसालों का निर्यात दर्ज किया गया था
बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक समीक्षावधि में भारत का निर्यात 5,57,525 टन रहा है जो 2016 की इसी अवधि में 4,50,700 टन था।
जीएसटी (GST) में प्रस्तावित चार स्तरीय टैक्स रेट से आम आदमी की जेब पर भारी बोझ बढ़ने वाला है। खाद्य तेल, मसाले और चिकन पर अधिक टैक्स चुकाना पड़ सकता है।
लेटेस्ट न्यूज़