Oil Price: विदेशों में खाद्य तेलों के भाव टूटने तथा पामोलीन तेल (Palmolein Oil) की नई और पहले के मुकाबले कहीं सस्ती खेप आने के कारण बृहस्पतिवार को दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में लगभग सभी खाद्य तेल-तिलहनों की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज हुई है।
सोयाबीन का प्रसंस्करण करने वाली कंपनियों के एक संगठन ने अनुमान जताया है कि देश में वर्तमान खरीफ सत्र के दौरान औसत उत्पादकता में इजाफे के कारण सोयाबीन की पैदावार करीब 14 फीसद बढ़कर लगभग 119 लाख टन पर पहुंच सकती है।
कीट एवं बीमारी से हुए सोयाबीन फसल के नुकसान से बचाव के लिए किसानों को दि सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से सलाह दी गई है।
बेहतर मॉनसून की वजह से बेहतर उपज होने की उम्मीद
देश में इस साल सोयाबीन उत्पादन में आई कमी का असर मंडियों में सोयाबीन की आवक पर दिख रहा है। सोयाबीन उद्योग संगठन सोपा (SOPA) के मुताबिक चालू सोयाबीन फसल वर्ष 2019-20 के शुरुआती 3 महीने यानि अक्तूबर से दिसंबर 2019 के दौरान सोयाबीन की आवक में 24 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है।
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस पर जनवरी में हस्ताक्षर हो सकते हैं।
देश में सोयाबीन तेल के आयात में हुई जोरदार बढ़ोतरी से सोयाबीन और सोयाबीन तेल के भाव में नरमी आने की संभावना जताई जा रही है।
पत्र में कहा गया है कि 9 नवंबर, 2011 को अधिसूचना क्रमांक 99/2011 के जरिये 5 अल्प विकसित सार्क देशों को भारत में बिना सीमा शुल्क के आयात की अनुमति प्रदान की गई है।
चीन ने अमेरिका से चल रहे व्यापारिक युद्ध (ट्रेड वार) के बीच सोयाबीन पर भारत सहित चार अन्य देशों से आयात शुल्क हटा दिया है। चीन सरकार ने कहा कि भारत, दक्षिण कोरिया, बांग्लादेश, लाओस और श्रीलंका से सोयाबीन पर आयात शुल्क वर्तमान के तीन फीसदी से घटाकर शून्य कर दिया है।
चीन ने भारत सहित चान अन्य देशों से आयातित सामान पर शुल्क खत्म करने या घटाने का फैसला किया है।
दुनिया में सोयाबीन के प्रमुख उत्पादक अर्जेंटीना में सूखा पड़ने की वजह से फसल खराब होने की आशंका के बीच इस साल उत्पादन कम होने की उम्मीद है। भारत सबसे ज्यादा सोयाबीन तेल का आयात अर्जेंटीना से करता है।
एक प्रमुख औद्योगिक संगठन का कहना है कि मॉनसून की बारिश के बाद शुरू होने वाले खरीफ सत्र के दौरान करीब 110 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुआई हो सकती है।
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