मौसम विभाग ने अनुमान दिया है कि अगस्त और सितंबर के दौरान पूरे देश में बारिश सामान्य के 95 प्रतिशत से 105 प्रतिशत के बीच रह सकती है।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आकलन के अनुसार, चालू कॉटन सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में देश में कॉटन का कुल उत्पादन 358.50 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) है, जबकि पिछले साल का बकाया स्टॉक 125 लाख गांठ और आयात करीब 12 लाख गांठ को मिलाकर कुल आपूर्ति 495.50 लाख गांठ रहेगी
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बीते सप्ताह तक देशभर में 39.58 लाख हेक्टेयर में जायद फसलों की बुवाई हो चुकी थी जोकि पिछले साल की समान अवधि के रकबे 32.34 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 24.55 फीसदी अधिक है।
27 नवंबर तक पहले से ही रबी फसल की बुवाई 348 लाख हेक्टेयर (हेक्टेयर) में हो चुकी थी, जो पिछले पूरे सत्र में हुई बुवाई की तुलना में चार प्रतिशत अधिक है तथा पिछले पांच वर्षो के बुवाई के औसत से दो प्रतिशत अधिक है।
20 नवंबर 2020 तक कुल रबी फसलों का रकबा पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान के 241.66 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 265.43 लाख हेक्टेयर रहा है। वहीं गेहूं का रकबा पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले के 96.77 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल के मुकाबले 97.27 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल रहा।
चालू रबी बुवाई सीजन में छह नवंबर तक देशभर में गेहूं की बुवाई 16.94 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी, जोकि पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 74.27 फीसदी अधिक है। चना का रकबा पिछले साल से 43.59 फीसदी बढ़कर 15.10 लाख हेक्टेयर हो गया। वहीं, दलहनी फसलों का रकबा पिछले साल से 11.64 लाख हेक्टेयर बढ़कर 36.43 लाख हेक्टेयर हो गया।
इस साल अब तक धान का कुल रकबा पिछले साल के मुकाबले 12 फीसदी बढ़ा
धान की रोपाई का क्षेत्रफल पिछले साल के मुकाबले 17 प्रतिशत बढ़ा
चालू खरीफ सीजन में अब तक 692 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई
देश में अब तक सामान्य से 13 फीसदी से ज्यादा मॉनसून की बारिश
प्रदेश सरकारें किसानों को मक्का, बाजार औऱ सब्जियां उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहीं
अब तक 53 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई पूरी हुई
खरीफ मौसम की प्रमुख फसल धान बुवाई का रकबा खरीफ सत्र 2018-19 में अब तक 2.27 प्रतिशत बढ़कर 383.34 लाख हेक्टेयर हो गया।
2018-19 के शुरुआती 4 महीने यानि अप्रैल से जुलाई 2018 के दौरान हुआ ग्वारगम निर्यात पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले आगे निकल गया है
अरंडी यानी कैस्टर सीड की बुवाई की रफ्तार चालू सीजन में सुस्त पड़ जाने से कीमतों में जोरदार तेजी आई है।
देश के तीन बड़े ग्वारसीड उत्पादक राज्यों में इस साल ग्वार की खेती पिछले साल के मुकाबले पिछड़ी हुई है जिस वजह से इस साल ग्वार की पैदावार प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। देश में ग्वारसीड का ज्यादातर उत्पादन राजस्थान, हरियाणा और गुजरात में होता है और इस साल इन तीनो ही राज्यों में ग्वार की खेती पिछले साल के मुकाबले पिछड़ी हुई है
देश में खरीफ फसलों की खेती शुरुआत में पिछड़ने के बाद अब सामान्य होने लगी है। मानसून के आगे बढ़ने के साथ खरीफ फसलों की बुआई ने भी रफ्तार पकड़ ली है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 15 जून तक देशभर में कुल 93.01 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती हो चुकी है, पिछल साल इस दौरान 94.12 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी, सामान्य तौर पर इस दौरान औसतन 91.48 लाख हेक्टेयर में फसल लगती है
चालू रबी सत्र में अभी तक गेहूं खेती का रकबा 110.66 लाख हेक्टेयर हो गया जो पूर्व वर्ष की इसी अवधि के रकबे से 12.41 प्रतिशत कम है।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खरीफ सत्र में अभी तक धान की बुवाई का रकबा 4.5 प्रतिशत बढ़कर 126 लाख हेक्टेयर हो गया है।
केंद्र सरकार जुलाई से शुरू हो रहे फसल वर्ष 2017-18 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने पर विचार कर रही है। किसानों को 1550 रुपए का भाव मिलेगा।
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