चीन को झटका देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है। केंद्र सरकार सोलर पैनल की खरीद को कम करने पर विचार कर रही है।
भारत में अक्षय ऊर्जा संसाधनों के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं इनका दोहन करने के लिए रणनीतिक योजना के साथ-साथ प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता है।
सौर ऊर्जा संयंत्रों में सोलर पैनलों की सफाई के लिए इजरायल की कंपनी इकोपिया ने सोलर रोबोट के जरिए सफाई की नवीन प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया।
तेजी से कम होते टैरिफ, टेक्नोलॉजी में सुधार और पीवी पैनल का दुनियाभर विशेषकर चीन से अत्यधिक आपूर्ति से भारत के सोलर एनर्जी को गति मिल रही है।
SBI ने विश्वबैंक के साथ 62.5 करोड़ डॉलर के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिससे देश में छत पर ग्रिड से जुड़े सौर उर्जा कार्यक्रम को तेजी से बढ़ाने में सहयोग किया जाएगा।
छत पर सौर उर्जा प्रणालियां लगाने के लिए और सौर उर्जा के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए सरकार ने करीब 16,800 करोड़ रुपए का कोष अलग से रखा है।
जापानी टेलीकम्युनिकेशंस और इंटरनेट सेक्टर की प्रमुख कंपनी सॉफ्टबैंक ने कहा कि देश में उसका निवेश 5-10 साल में 10 अरब डॉलर से अधिक हो सकता है।
भारत ने सौर उर्जा संयंत्रों को स्थापित करने के क्रम में छह वर्षों से कम समय में 6,000 मेगावाट सौर उर्जा क्षमता स्थापित की है।
विश्वबैंक ने स्वच्छ उर्जा उत्पादन के लिए भारत के सौर परियोजना कार्यक्रम को सहायता देने के लिये 62.5 करोड़ डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है।
ताजा रिपोर्ट के अनुसार अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में देश के आकर्षण सूचकांक में भारत तीसरे स्थान पर हैं। इसमें पहले और दूसरे स्थान पर अमेरिका तथा चीन हैं।
जल्द ही देश के सभी हवाई अड्डे सोलर एनर्जी से रौशन होंगे। फिलहाल कोचीन देश का एकमात्र हवाई अड्डा है जो पूरी तरह से सोलर एनर्जी पर निर्भर है।
पीयूष गोयल ने कहा कि सौर कार्यक्रम देश में ऊर्जा सुरक्षा को ही सुनिश्चित नहीं करेगा, सबसे निचले स्तर पर मौजूद अंतिम व्यक्ति तक बिजली पहुंचाएगा।
भारत अगले कुछ दिनों में WTO की सौर उर्जा समिति के उस फैसले के खिलाफ अपील करेगा। समिति ने कंपनियों के साथ भेद-भाव का आरोप लगाया था।
सुजलॉन एनर्जी ने देशभर की विभिन्न नवीकरणीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए पांच छोटी सौर कंपनियों का अधिग्रहण किया है।
भारत, अमेरिका के खिलाफ 16 मामले दायर करेगा। पीयूष गोयल ने कहा, डब्ल्यूटीओ के नियमों का उल्लंघन करते हुए अमेरिका ने सौर पैनल निर्माताओं को संरक्षण दिया है।
संयुक्तराष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विकासशील देशों में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश के मामले में भारत और चीन 2015 में सबसे आगे रहे।
भारत को अपनी सोलर और इंटरनेट प्रोजेक्ट के लिए अमेरिकी फाइनेंशियल इंस्टीटयूशन से 42.1 करोड़ डॉलर (करीब 2800 करोड़ रुपए) मिलेंगे।
कोचीन एयरपोर्ट ने सरकार की इस योजना को आगे बढ़ाने में बड़ा योगदान किया है। यह 100 फीसदी सोलर एनर्जी से चलने वाला दुनिया का पहला एयरपोर्ट बन गया है।
भारत के खिलाफ फैसला देते हुए डब्ल्यूटीओ ने कहा कि सोलर फर्मों के साथ सरकार के बिजली खरीद समझौते अंतरराष्ट्रीय नियमों से असंगत रहे।
सरकार ने 5,000 मेगावाट ग्रिड से जुड़ी सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट की स्थापना और उन्हें व्यावहारिक बनाए रखने के लिए 5,050 करोड़ रुपए दिए जाने की मंजूरी दी।
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