विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशक उच्च रिटर्न देने की क्षमता के कारण स्मॉल-कैप और मिड-कैप म्यूचुअल फंड में निवेश जारी रखेंगे।
म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय आपको इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि इससे मिलने वाला रिटर्न कैपिटल गेन्स के तहत आता है और इसके लिए आपको 12.5 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक का कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होता है।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों के बेहतर प्रदर्शन की मुख्य वजह घरेलू स्तर पर नकदी में उछाल है।
वित्त वर्ष 2023-24 में स्मॉल-कैप फंड में 40,188 करोड़ रुपये का प्रवाह देखा गया, जो पिछले वित्त वर्ष में दर्ज 22,103 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है।
स्मॉलकैप फंडों में सितंबर 2021 के बाद पहली बार ₹94.2 करोड़ की निकासी हुई है।, एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के अनुसार, मार्च में मिडकैप फंडों में महीने दर महीने 43% की गिरावट देखी गई और यह ₹1,017.69 करोड़ हो गया।
उन्होंने कहा, "हम एक नए वित्तीय वर्ष में जा रहे हैं, हमें फार्मा, कैपिटल गुड्स और इंफ्रा जैसे सेक्टर से काफी उम्मीदें हैं। हालांकि, 20 मार्च तक भारी बिकवाली दबाव के साथ, साल का अंत मंदी से हुआ।
निवेशकों के लिहाज से यह साल जबरदस्त रहा। सेंसेक्स, निफ्टी, मिड-कैप और स्मॉल-कैप, सोना और क्रूड में निवेश करने वाले निवेशकों को बंपर रिटर्न मिला।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि अगले हफ्ते में कम ट्रे़डिंग डे होने होने और डेरिवेटिव की मासिक समाप्ति के कारण, कुछ अस्थिरता देखने को मिल सकती है, जबकि निफ्टी के उच्च स्तर पर मजबूत होने की संभावना है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि अगला सप्ताह आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा क्योंकि जापान, अमेरिका और ब्रिटेन सहित दुनिया भर के प्रमुख केंद्रीय बैंक ब्याज दर संबंधी फैसलों की घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ समय तक बाजार में उतार-चढ़ावा जारी रहने की उम्मीद है।
SmallCap और Midcap शेयरों में इस हफ्ते बड़ी गिरावट देखने को मिली है और इस कारण से निवेशकों को करीब 70 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
शेयर मार्केट में आज भारी गिरावट देखने को मिल रही है। बीएसई सेंसेक्स में 906.07 अंक की गिरावट आई है जबकि निफ्टी भी 338.00 अंक टूट गया।
आंकड़ों के मुताबिक, मिड कैप म्यूचुअल फंड ने 2023 में लगभग 23,000 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि स्मॉल कैप योजनाओं के लिए यह आंकड़ा 41,000 करोड़ रुपये से अधिक था। बढ़ते निवेश पर बाजार नियामक सेबी ने पिछले दिनों चिंता जताई थी।
Mutual Fund: सेबी और एम्फी की ओर से स्मॉलकैप और मिडकैप फंड मैनेजर्स को रिस्क से जुड़े अतिरिक्त जानकारी निवेशकों को उपलब्ध कराने को कहा है।
Mutual Fund: स्मॉल कैप और मिड कैप म्यूचुअल फंड्स में निवेश में गिरावट देखने को मिली है। वहीं, थीम आधारित म्यूचुअल फंड में निवेश बढ़ा है।
Kotak Mahindra Mutual Funds की ओर से स्मॉलकैप में तेजी के बाद बड़ा फैसला लिया गया है। इसका असर फंड्स में निवेश करने वाले लोगों पर होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारा मानना है कि निवेशकों के लिए सभी मार्केट-कैप सूचकांकों में अधिक चयनात्मक और बॉटम-अप होने का समय आ गया है, क्योंकि आसान और बंपर रिटर्न का दौर वित्तवर्ष 2025-26 में दोहराया नहीं जा सकता है।
Top Small Cap Stocks: देश के बड़े ब्रोकरेज हाउस की ओर से 2024 के लिए कुछ स्मॉल कैप स्टॉक्स सुझाए गए हैं, जिनमें तेजी देखने को मिल सकती है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार कहते हैं, जैसे-जैसे 2023 करीब आ रहा है, साल की रैली की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता व्यापक बाजार का तेज बेहतर प्रदर्शन है। उन्होंने कहा कि मिडकैप इंडेक्स लगभग 45 फीसदी ऊपर है और स्मॉल कैप इंडेक्स 55 फीसदी ऊपर है।
देश के बेहतर आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों और भारी खुदरा निवेशकों की भागीदारी से इक्विटी बाजार के लिहाज से 2023 एक लाभप्रद वर्ष साबित हुआ है। इसके चलते स्मॅल कैप और मिड कैप यानी छोटे और मझोले कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर बाजारों में लंबे समय से तेजी का दौर जारी है।
डीमैट अकाउंट्स (Demat Account) में जोरदार बढ़ोतरी, जो अब 132 मिलियन (13.2 करोड़) तक पहुंच गई है, बाजार में तेजी में प्रमुख भूमिका निभा रही है, जबकि लार्ज कैप एफआईआई की बिकवाली के दबाव में हैं।
लेटेस्ट न्यूज़