उन्होंने कहा, "हम एक नए वित्तीय वर्ष में जा रहे हैं, हमें फार्मा, कैपिटल गुड्स और इंफ्रा जैसे सेक्टर से काफी उम्मीदें हैं। हालांकि, 20 मार्च तक भारी बिकवाली दबाव के साथ, साल का अंत मंदी से हुआ।
निवेशकों के लिहाज से यह साल जबरदस्त रहा। सेंसेक्स, निफ्टी, मिड-कैप और स्मॉल-कैप, सोना और क्रूड में निवेश करने वाले निवेशकों को बंपर रिटर्न मिला।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि अगला सप्ताह आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा क्योंकि जापान, अमेरिका और ब्रिटेन सहित दुनिया भर के प्रमुख केंद्रीय बैंक ब्याज दर संबंधी फैसलों की घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ समय तक बाजार में उतार-चढ़ावा जारी रहने की उम्मीद है।
शेयर मार्केट में आज भारी गिरावट देखने को मिल रही है। बीएसई सेंसेक्स में 906.07 अंक की गिरावट आई है जबकि निफ्टी भी 338.00 अंक टूट गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारा मानना है कि निवेशकों के लिए सभी मार्केट-कैप सूचकांकों में अधिक चयनात्मक और बॉटम-अप होने का समय आ गया है, क्योंकि आसान और बंपर रिटर्न का दौर वित्तवर्ष 2025-26 में दोहराया नहीं जा सकता है।
Top Small Cap Stocks: देश के बड़े ब्रोकरेज हाउस की ओर से 2024 के लिए कुछ स्मॉल कैप स्टॉक्स सुझाए गए हैं, जिनमें तेजी देखने को मिल सकती है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार कहते हैं, जैसे-जैसे 2023 करीब आ रहा है, साल की रैली की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता व्यापक बाजार का तेज बेहतर प्रदर्शन है। उन्होंने कहा कि मिडकैप इंडेक्स लगभग 45 फीसदी ऊपर है और स्मॉल कैप इंडेक्स 55 फीसदी ऊपर है।
देश के बेहतर आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों और भारी खुदरा निवेशकों की भागीदारी से इक्विटी बाजार के लिहाज से 2023 एक लाभप्रद वर्ष साबित हुआ है। इसके चलते स्मॅल कैप और मिड कैप यानी छोटे और मझोले कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर बाजारों में लंबे समय से तेजी का दौर जारी है।
कई मार्केट एक्सपर्ट से इंडिया टीवी ने बाजार के आउटलुक को लेकर पोल किया और उनकी राय जानी। अधिकांश एक्सपर्ट ने कहा कि भारतीय बाजार में अभी बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है।
मौजूदा पीई की पर्सेंटाइल रैंक से पता चलता है कि ऑटो, आईटी और टेक्नोलॉजी थोड़े ओवर-वैल्यूड हैं जबकि बैंक, एफएमसीजी और पूंजीगत वस्तुओं का वैल्यूएशन सही है।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार भारतीय शेयर बाजार के लिए यह एक उथल-पुथल भरा साल था। उच्च ब्याज दर, तेज महंगाई और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे कई नकारात्मक कारकों का असर शेयर बाजारों पर हुआ।
Small Companies New Rule: सरकार ने छोटी कंपनियों के लिए पेडअप कैपिटल (Paid-up Capital) और टर्नओवर सीमा में बदलाव किया है।
बीते वित्त वर्ष में बीएसई का स्मॉलकैप सूचकांक 7,566.32 अंक या 36.64 प्रतिशत चढ़ गया। वहीं मिडकैप में 3,926.66 अंक या 19.45 प्रतिशत की बढ़त रही।
बीते सप्ताह शेयर बाजार में तेजी रही, जिसमें गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों के एक्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बहुमत मिलने के अनुमान का मुख्य योगदान रहा।
BSE के स्मॉल कैप इंडेक्स ने 31 मई को समाप्त तीन वर्ष में 72 फीसदी रिटर्न दिया और इस मामले में सेंसेक्स और लार्ज कैप सूचकांकों को पीछे छोड़ दिया है।
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