स्मॉलकैप फंडों में सितंबर 2021 के बाद पहली बार ₹94.2 करोड़ की निकासी हुई है।, एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के अनुसार, मार्च में मिडकैप फंडों में महीने दर महीने 43% की गिरावट देखी गई और यह ₹1,017.69 करोड़ हो गया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि अगले हफ्ते में कम ट्रे़डिंग डे होने होने और डेरिवेटिव की मासिक समाप्ति के कारण, कुछ अस्थिरता देखने को मिल सकती है, जबकि निफ्टी के उच्च स्तर पर मजबूत होने की संभावना है।
SmallCap और Midcap शेयरों में इस हफ्ते बड़ी गिरावट देखने को मिली है और इस कारण से निवेशकों को करीब 70 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
Mutual Fund: सेबी और एम्फी की ओर से स्मॉलकैप और मिडकैप फंड मैनेजर्स को रिस्क से जुड़े अतिरिक्त जानकारी निवेशकों को उपलब्ध कराने को कहा है।
Mutual Fund: स्मॉल कैप और मिड कैप म्यूचुअल फंड्स में निवेश में गिरावट देखने को मिली है। वहीं, थीम आधारित म्यूचुअल फंड में निवेश बढ़ा है।
Kotak Mahindra Mutual Funds की ओर से स्मॉलकैप में तेजी के बाद बड़ा फैसला लिया गया है। इसका असर फंड्स में निवेश करने वाले लोगों पर होगा।
Top Small Cap Stocks: देश के बड़े ब्रोकरेज हाउस की ओर से 2024 के लिए कुछ स्मॉल कैप स्टॉक्स सुझाए गए हैं, जिनमें तेजी देखने को मिल सकती है।
इस साल 20 जून को बीएसई स्मॉलकैप अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर 23,261.39 अंक पर आ गया था। यह 18 जनवरी को अपने एक साल के शिखर 31,304.44 अंक पर था।
फायदे के मामले में देश में शेयर केंद्रित ज्यादातर म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन दिसंबर 2016 को समाप्त एक वर्ष के दौरान प्रमुख शेयर सूचकांकों की तुलना में कम रहा।
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