नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने दुनिया के मंदी में जाने की बढ़ती आशंकाओं के बीच कहा कि दुनिया की मंदी से भारत अछूता रहेगा।
भारत और ब्राजील जैसी बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में नरमी का असर अधिक ही देखने को मिल रहा है। चीन की आर्थिक वृद्धि दर भी धीरे-धीरे गिर रही है।
देश में आर्थिक सुस्ती गहराने को लेकर बढ़ती चर्चा के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार सभी क्षेत्र की चुनौतियों पर गौर कर रही है और इनको लेकर आगे कदम उठायेगी।
वित्त मंत्रालय सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए आज शुक्रवार को केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) के प्रमुखों के साथ बैठक करेगा। बैठक में पूंजी व्यय बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिए जाने की उम्मीद है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने गुरुवार को कहा कि सरकार को ऐसे कदम उठाने की जरूरत है जिससे निजी क्षेत्र की कंपनियों की आशंकाओं को दूर किया जा सके और वे निवेश के लिये प्रोत्साहित हों। आर्थिक नरमी को लेकर चिंता के बीच उन्होंने यह बात कही।
अर्थव्यवस्था की सुस्ती को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस समय दुनिया भर में नरमी के हालात हैं। भारत में सुस्ती बाहरी प्रभाव से है या आंतरिक इसको समझना होगा। सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए तमाम प्रयास कर रही है।
आर्थिक मंदी का असर अब धीरे-धीरे साफतौर से दिखने लगा है। सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था से सबसे ज्यादा प्रभावित ऑटो इंडस्ड्री हो रही है। कई बड़ी कंपनियों ने अपने प्लांट में या तो उत्पादन बंद कर दिया है या फिर लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि मंत्रालय के अधिकारियों की प्रधानमंत्री कार्यालय के अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ बातचीत जारी है। जैसे ही यह बातचीत पूरी होती है सरकार इस बाबत निर्णय करेगी कि अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिये क्या कदम उठाये जाने चाहिए और फिर उनकी घोषणा कर दी जायेगी।
आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में 2019 के दौरान दुनिया की 70 प्रतिशत अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती आने का अनुमान जताया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चौथी तिमाही में GDP की ग्रोथ रेट में गिरावट के पीछे नोटबंदी का प्रभाव होने की बात को नकारते हुए कहा कि इसके कई अन्य कारण भी हैं।
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