चीन के व्यापार में पिछले दो वर्षों से धीरे-धीरे गिरावट आई है। चीन की अर्थव्यवस्था कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद अर्थव्यवस्था उम्मीद से काफी पहले ही कमजोर पड़ गई है।
शी जिनफिंग ने अपने भाषण में कहा, हमें धैर्य बनाए रखना चाहिए और स्थिर व चरणबद्ध प्रगति पर जोर देना चाहिए।
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने दुनिया के मंदी में जाने की बढ़ती आशंकाओं के बीच कहा कि दुनिया की मंदी से भारत अछूता रहेगा।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने रविवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि केंद्रीय बजट 2020-21 में आर्थिक विकास के लिए उठाए गए उपायों का अल्पावधि में अर्थव्यवस्था को सुस्ती के दौर से निकालने के लिए देखने को नहीं मिलेगा।
टाटा मोटर्स घरेलू वाहन बाजार में जारी सुस्ती के बाद भी कर्मचारियों की छंटनी नहीं करेगी। कंपनी को अगले कुछ महीनों में बाजार में उतारे जाने वाले नये उत्पादों के दम पर प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद है।
फेस्टिव सीजन में भी ऑटो इंडस्ट्री की सुस्ती खत्म होने का नाम नहीं ले रही है, वाहनों की बिक्री नहीं बढ़ रही है। यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री सितंबर महीने में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 20.1 प्रतिशत घटकर 1,57,972 इकाई रह गई।
भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही मंदी की चपेट में है। इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विश्व व्यापार में और भी गिरावट की आशंका व्यक्त की है।
भारत और ब्राजील जैसी बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में नरमी का असर अधिक ही देखने को मिल रहा है। चीन की आर्थिक वृद्धि दर भी धीरे-धीरे गिर रही है।
वाहन क्षेत्र में सुस्ती और मांग में कमी के बीच वाहन निर्माता कंपनी टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने कर्नाटक के बिदादी में अपनी विनिर्माण इकाई के कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) शुरू की है।
यात्री वाहनों के बाद अब कमर्शियल वाहनों का निर्माण करने वाली प्रमुख वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनी अशोक लीलैंड ने शुक्रवार को कहा कि वह अपने उत्पादन को बाजार की मांग के साथ समायोजित करने के लिए अपने विभिन्न संयंत्रों में मैन्युफैक्चरिंग को इस महीने 15 दिनों तक निलंबित रखेगी।
कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की सितंबर महीने में बिक्री 24.4 प्रतिशत घटकर 1,22,640 वाहन रह गई। टाटा मोटर्स की कुल बिक्री सितंबर में 48 प्रतिशत घटकर 36,376 वाहन रही जबकि बजाज ऑटो की कुल बिक्री सितंबर महीने में 20 प्रतिशत गिरकर 4,02,035 इकाई पर रही।
उन्होंने नरमी से निपटने के लिए सरकार को बजट में निर्धारित खर्च को शुरू में ही करने का सुझाव दिया।
देश में आर्थिक सुस्ती गहराने को लेकर बढ़ती चर्चा के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार सभी क्षेत्र की चुनौतियों पर गौर कर रही है और इनको लेकर आगे कदम उठायेगी।
वित्त मंत्रालय सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए आज शुक्रवार को केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) के प्रमुखों के साथ बैठक करेगा। बैठक में पूंजी व्यय बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिए जाने की उम्मीद है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने गुरुवार को कहा कि सरकार को ऐसे कदम उठाने की जरूरत है जिससे निजी क्षेत्र की कंपनियों की आशंकाओं को दूर किया जा सके और वे निवेश के लिये प्रोत्साहित हों। आर्थिक नरमी को लेकर चिंता के बीच उन्होंने यह बात कही।
अर्थव्यवस्था की सुस्ती को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस समय दुनिया भर में नरमी के हालात हैं। भारत में सुस्ती बाहरी प्रभाव से है या आंतरिक इसको समझना होगा। सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए तमाम प्रयास कर रही है।
वाहन उद्योग में जारी संकट के बीच क्षेत्र की अग्रणी कंपनी अशोक लीलैंड ने कार्यकारी स्तर के कर्मचारियों के लिये कंपनी से अलग होने की योजना की घोषणा की है। कंपनी ने यह योजना ऐसे समय पेश की है जब पहले से ही उसके कर्मचारी बोनस बढ़ाने को लेकर शुक्रवार से हड़ताल पर हैं।
आर्थिक मंदी का असर अब धीरे-धीरे साफतौर से दिखने लगा है। सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था से सबसे ज्यादा प्रभावित ऑटो इंडस्ड्री हो रही है। कई बड़ी कंपनियों ने अपने प्लांट में या तो उत्पादन बंद कर दिया है या फिर लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि मंत्रालय के अधिकारियों की प्रधानमंत्री कार्यालय के अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ बातचीत जारी है। जैसे ही यह बातचीत पूरी होती है सरकार इस बाबत निर्णय करेगी कि अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिये क्या कदम उठाये जाने चाहिए और फिर उनकी घोषणा कर दी जायेगी।
टीवीएस ग्रुप की प्रमुख सुंदरम क्लेटन लिमिटेड (एससीएल) कंपनी ने भी ऑटो सेक्टर में मंदी के चलते दो दिन (16 व 17 अगस्त) के लिए अपने कारखानों में उत्पादन बंद रखने की घोषणा की है।
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