बहुत सारे एसआईपी निवेशकों की शिकायत रहती है कि उसने सिप में निवेश किया लेकिन मनचाहा रिटर्न नहीं मिला। अगर आप भी उनमें शामिल हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखकर शानदार रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
जैसे-जैसे म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ी है, उसी अनुपात में गलती करने वाले बढ़े हैं। इसके चलते निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
छोटे निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसकी वजह एमएफ पर मिलने वाला तगड़ा रिटर्न है। आज हम तीन ऐसे ही म्यूचुअल फंड स्कीम के बारे में बता रहे हैं, जिसने निवेशकों को लखपति से करोड़पति बनाया है।
मार्च, 2024 में एसआईपी खातों की संख्या 8.4 करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। पिछले सात वर्षों में एसआईपी से म्यूचुअल फंड योगदान में चार गुना से अधिक की वृद्धि देखी गई है।
छोटे निवेशकों द्वारा पसंदीदा एसआईपी, मासिक आधार पर या नियमित अंतराल पर म्यूचुअल फंड योजनाओं में एक निश्चित राशि निवेश किया जाता है। एसआईपी का एक प्रमुख लाभ यह है कि यह निवेशकों को बाजार गिरने पर पर अधिक यूनिट्स खरीदने और तेज होने पर कम इकाइयां खरीदने में सक्षम बनाता है।
एसआईपी निवेश की खास बात यह है कि आप छोटी बचत राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं। यह बाजार की अस्थिरता और बाजार के समय के बारे में चिंता किए बिना अनुशासित तरीके से निवेश करने में मदद करता है।
आरडी का कार्यकाल 6 महीने से 10 साल तक हो सकता है। जबकि, म्यूचुअल फंड एसआईपी के मामले में, ईएलएसएस के अलावा कोई लॉक-इन अवधि नहीं है
एसआईपी और एकमुश्त निवेश के बीच फैसला लेते समय विचार करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक निवेश योग्य सरप्लस की उपलब्धता है। दोनों विकल्पों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं
Mutual Funds ने पिछले कुछ समय में निवेशकों को बंपर रिटर्न दिया है। इसमें से स्मॉलकैप, मिडकैप और सेक्टोरल फंड्स का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है।
अभी भी बहुत लोग हैं जो यह नहीं जानते हैं कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए वह अपना SIP अकाउंट कैसे खोलें। अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है।
म्यूचुअल फंड में किए गए निवेश पर रिटर्न की गणना करना बहुत ही आसान है। आप आसानी से अपने किए निवेश पर मिलने वाले रिटर्न को गणना कर जान सकते हैं। इसके लिए कई सरल फॉर्मूला उपलब्ध है। कई ऑनलाइन टूल्स भी आजकल इंटरनेट पर मिल जाएंगे।
एसआईपी के जरिये निवेश में कंपाउंडिंग की शक्ति आपको समय के साथ अपने रिटर्न को बढ़ाने में मदद करती है। एसआईपी के जरिये इक्विटी फंड में निवेश करना समय के साथ पैसे बनाने का एक सुविधाजनक तरीका है।
मिडिल और लोअर मिडिल क्लास के लिए अपने बच्चों को हायर एजुकेशन दिला पाना काफी कठिन काम है। पैसा ना होने के चलते बहुतों के सपने मर जाते हैं। लेकिन छोटी-छोटी बचत करते अच्छा-खासा फंड तैयार किया जा सकता है।
शादी-ब्याह में आजकल बहुत पैसा खर्च होता है। मां-बाप के लिए इस बड़े खर्चे के लिए पैसा जुटाना आसान नहीं है। लेकिन आप बच्चों की कम उम्र से ही हर महीने एक छोटी राशि म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश करें, तो एक बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड एसआईपी में हर महीने 3000 रुपये निवेश करके आप करोड़पति बन सकते हैं। म्यूचुअल फंड में एवरेज रिटर्न 12 फीसदी का होता है। आप अपनी सैलरी का एक छोटा हिस्सा बचाकर उसे म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश कर सकते हैं।
SIP vs STP vs SWP: बाजार में अधिक रिटर्न कमाने के लिए निवेशकों की ओर से कई स्ट्रेटेजी का उपयोग किया जाता है। SIP, STP और SWP भी ऐसी ही स्ट्रेटेजी है, जिनकी मदद से आप अपने पोर्टफोलियो के रिटर्न को बढ़ा सकते हैं।
म्यूचुअल फंड में SIP के जरिये निवेश को पॉपुलर बनाने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी ने एसआईपी निवेश की न्यूनतम सीमा को 250 रुपये करने का फैसला किया है। इससे इसका दायरा और बढ़ जाएगा।
नियामक के अनुसार, सेबी प्रमुख अपने शेष कार्यकाल में, मौजूदा 500 रुपये से 250 रुपये के एसआईपी को व्यवहार्य बनाने पर काम करेंगी। मुझे लगता है कि यह भविष्य के विकास और आगे के लचीलेपन के लिए अगले कई वर्षों की नींव रखेगा।
Mutual Fund में SIP ने नवंबर में एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। सबसे ज्यादा निवेश स्मॉल और मिड कैप कैटेगरी में हुआ है।
Mutual Fund: लंपसम और एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश करने के दो पॉपुलर तरीके हैं। आइए जानते हैं कि इनमें से कौन-सा तरीका बेस्ट हैं और क्या फायदे और नुकसान हैं।
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