अगर किसी ने एक साल पहले जेएम वैल्यू फंड में ₹1 लाख का निवेश किया होता, तो यह निवेश ₹1.54 लाख हो जाता। यानी 54.29 प्रतिशत का रिटर्न मिलता।
25 साल में एसआईपी से 10 करोड़ रुपये जमा करने के लिए आपको 2 सबसे अहम बातों का ध्यान रखना होगा। पहला ये कि आपको कितना रिटर्न मिल रहा है और दूसरा ये कि आप हर महीने कितने रुपये का निवेश कर रहे हैं।
महिंद्रा मैनूलाइफ स्मॉल कैप फंड ने अपने निवेशकों को एसआईपी के जरिए पिछले एक साल में 51.59 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। महिंद्रा मैनूलाइफ स्मॉल कैप फंड का मौजूदा फंड साइज 5279 करोड़ रुपये के आसपास है।
2019 के अंत और 2020 की शुरुआत में, जब आईटी, फार्मास्युटिकल और ऑटोमोबाइल शेयरों में गिरावट आई, तो फंड ने इन क्षेत्रों में हिस्सेदारी बढ़ा दी, जिसमें बाद में अच्छी तेजी आई।
हालांकि, निवेशकों को यह समझना चाहिए कि ये ऐतिहासिक रिटर्न हैं और कोई भी निवेश निर्णय केवल पिछले रिटर्न के आधार पर नहीं लिया जाना चाहिए।
5000 रुपये की एसआईपी से 5 करोड़ रुपये का फंड तैयार कैसे हो सकता है? इस सवाल का जवाब जानने से पहले आपको ये जानना जरूरी है कि एसआईपी का पूरा फायदा तभी मिलेगा जब आप इसमें ज्यादा से ज्यादा समय के लिए निवेश जारी रखेंगे।
म्यूचुअल फंड्स एसआईपी में एक फिक्स डेट पर एक फिक्स अमाउंट जमा किया जाता है। यहां हम जानेंगे कि म्यूचुअल फंड्स एसआईपी से मोटा पैसा बनाने के लिए किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।
यहां हम आपको उन 5 म्यूचुअल फंड स्कीम के बारे में बताएंगे, जिसने निवेशकों की एसआईपी के जरिए किए गए निवेश को पिछले 5 साल में ढाई गुना से भी ज्यादा बढ़ा दिया है। खास बात ये है कि इन स्कीम्स में सभी मिड कैप और स्मॉल कैप स्कीम्स हैं और इनमें कोई भी लार्ज कैप स्कीम नहीं है।
म्यूचुअल फंड एसआईपी की मदद से 10,000 रुपये के मासिक निवेश से 6 करोड़ रुपये का फंड तैयार किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए आपको स्टेप-अप फॉर्मूला का इस्तेमाल करना होगा।
सेबी ने कहा, ''नए प्रोडक्ट का उद्देश्य अपंजीकृत और अनधिकृत निवेश योजनाओं या संस्थाओं के प्रसार को कम करना है, जो अक्सर अवास्तविक उच्च रिटर्न का वादा करते हैं और बेहतर यील्ड के लिए निवेशकों की अपेक्षाओं का फायदा उठाते हैं। इनमें वित्तीय जोखिम की आशंका होती है।''
बैंक नई पीढ़ी के बीच जमा उत्पादों को लोकप्रिय बनाने के लिए इन नवाचारों पर विचार कर रहा है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि बैंक ने जमा जुटाने के लिए बड़े पैमाने पर एक पहुंच कार्यक्रम शुरू किया है।
अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तोथीमेटिक फंड पर नजर जरूर रखें। पिछले एक साल में इस कैटेगरी के कई फंड्स ने शानदार रिटर्न दिया है।
आरडी निश्चित ब्याज दरें प्रदान करता है जो आम तौर पर 5% से 9% के बीच होती हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए थोड़ी अधिक दरें होती हैं। ये दरें पूरी अवधि के लिए लॉक होती हैं। जबकि एसआईपी में रिटर्न की गारंटी नहीं होती है।
ELSS का पूरा नाम Equity-Linked Savings Scheme है। ईएलएसएस के नाम से ही मालूम चल जाता है कि ये एक इक्विटी लिंक्ड बचत स्कीम है। ईएलएसएस म्यूचुअल फंड्स में किए जाने वाले निवेश पर जो रिटर्न मिलता है, उस पर इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ उठाया जा सकता है।
अगर आप 25 साल में 5 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं तो म्यूचुअल फंड एसआईपी से ये संभव हो सकता है। मान लीजिए अगर आपको हर साल 12 प्रतिशत का औसतन सालाना रिटर्न मिल रहा है तो आपको हर महीने 27,000 रुपये की एसआईपी करनी होगी।
31 अगस्त, 2024 तक इस स्कीम का एयूएम 3983.77 करोड़ रुपये था। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि निवेशकों ने इस फंड में कुल 3983.77 करोड़ रुपये निवेश कर रखे हैं। इस स्कीम का मौजूदा एनएवी 62.40 रुपये है। ये स्कीम Very High Risk के तहत आती है।
म्यूचुअल फंड स्कीम का चुनाव ही आपको बंपर रिटर्न दिलाने की कुंजी है। अगर आप सही फंड चुनेंगे तो ही वह बंपर रिटर्न देगा।
म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश करते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि इसमें शेयर बाजार का जोखिम शामिल है। बाजार में आने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर आपके रिटर्न पर देखने को मिलता है। इसके साथ ही एसआईपी से होने वाले प्रॉफिट पर आपको कैपिटल गेन्स टैक्स भी चुकाना होता है।
म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश करते समय आपको इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि म्यूचुअल फंड पर मिलने वाला रिटर्न कैपिटल गेन्स टैक्स के दायरे में आता है। यानी आपको म्यूचुअल फंड से जो रिटर्न मिलेगा, उस पर आपको कैपिटल गेन्स टैक्स का भुगतान भी करना होगा।
फोकस्ड फंड, म्यूचुअल फंड की वो कैटेगरी है जो एक निश्चित कंपनी के शेयरों में पैसा लगाती है। सेबी के नियमों के मुताबिक फोकस्ड फंड अधिकतम 30 कंपनियों के शेयरों में ही पैसा लगाते हैं।
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