Mutual funds SIP : जब निवेशक बाजार गिरने के दौरान म्यूचुअल फंड यूनिट खरीदते हैं, तो उनकी म्यूचुअल फंड यूनिट्स की औसत कीमत कम हो जाती है, जिससे तेजी के दौरान अधिक लाभ कमाने की संभावना बढ़ जाती है।
छोटी रकम से बड़ा फंड बनना है तो SIP शुरू करें। आप एफडी के मुकाबले ज्यादा रिटर्न भी ले पाएंगे।
म्यूचुअल फंड में SIP के जरिये लाखों लोगों निवेश कर रहे हैं। हालांकि, उनमें बहुत कम को पता होता है कि म्यूचुअल फंड में किए गए निवेश को कब निकलना सही होगा।
चिल्ड्रन फंड में किए गए निवेश से जो रिटर्न मिलता है, उस पर टैक्स छूट का फायदा मिलता है। इसमें इंडेक्सेशन के बेनिफिट्स को ज्यादा से ज्यादा करने के लिए चार्जेस भी कम से कम वसूले जाते हैं।
एसआईपी सीधे तौर पर शेयर बाजार में जुड़ा हुआ है, इसलिए इसमें काफी रिस्क भी है। लेकिन, जबरदस्त रिस्क के बावजूद देश के आम लोग इसमें बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं। आज हम यहां जानेंगे कि 10,000 रुपये की एसआईपी से कैसे 3.5 करोड़ रुपये का कॉर्पस तैयार किया जा सकता है।
जहां तक एसआईपी के जरिये निवेश की बात है तो इस फंड में मासिक 10,000 रुपये का निवेश 22 साल में 2.9 करोड़ रुपये हो गया है। जबकि वास्तविक निवेश केवल 26.4 लाख रुपये रहा है।
क्वांट मैन्यूफैक्चरिंग फंड अगस्त, 2023 में लॉन्च हुआ था। लॉन्च से लेकर अभी तक इस फंड ने कुल 51.30 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। पिछले 6 महीने में इस फंड ने 10.60 प्रतिशत और पिछले 1 महीने में इस फंड ने 5.70 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया है।
एसआईपी से मिलने वाला रिटर्न 4 प्रमुख बातों पर निर्भर करता है। पहला ये कि आपको कितने साल के लिए निवेश करना है, दूसरा ये कि आपने कितने रुपये जमा करने का लक्ष्य तय किया है, तीसरा ये कि आप कितने रुपये का निवेश करेंगे और चौथा ये कि आपको कितने प्रतिशत का रिटर्न मिल रहा है।
उद्योग के प्रबंधन के तहत शुद्ध परिसंपत्तियां (एयूएम) सितंबर के 67 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर अक्टूबर में 67.25 लाख करोड़ रुपये हो गईं।
म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय, आपको दो महत्वपूर्ण कारकों पर ध्यान देना चाहिए, एक्सपेंस रेश्यो और कमीशन। एक्सपेंस रेश्यो एक म्यूचुअल फंड स्कीम से दूसरी में भिन्न हो सकता है।
एसआईपी विराम के दौरान, अपनी वित्तीय स्थिति का लगातार आकलन करना और अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना महत्वपूर्ण है। यदि आपकी परिस्थितियां पहले ही सुधर जाती हैं, तो आप अपने एसआईपी को पहले ही फिर से शुरू करने का विकल्प चुन सकते हैं।
म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते समय आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना होगा कि इसमें शेयर बाजार का जोखिम शामिल है। अगर शेयर बाजार में लगातार लंबे समय तक गिरावट चलती है तो इसका सीधा असर आपके कॉर्पस पर पड़ेगा।
शेयर में निवेशक ज्यादा रिटर्न के लिए पैसा लगाते हैं। हालांकि, कई म्यूचुअल फंड स्कीम ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। अगर आप सही फंड का चुनाव कर लेते हैं तो आसानी से अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड निवेश न सिर्फ आपको बाजार की जोखिम से बचाता है, बल्कि आपको शानदार रिटर्न भी देता है। इस रिटर्न को आप कुछ बातों का ख्याल रखकर और बढ़ा भी सकते हैं।
आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज ने कहा कि ये शानदार ग्रोथ इन फंड्स में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को दर्शाती है। वर्तमान में, बाजार में सिर्फ 16 बिजनेस साइकल से जुड़े फंड्स हैं, जिनमें से सिर्फ 3 फंड्स ने 3 साल का समय पूरा किया है।
म्यूचुअल फंड में निवेश पर आपको एफडी के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलता है। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि आप बाजार में जमे रहें।
आज हम आपको 8-4-3 इन्वेस्टमेंट रूल बता रहे हैं। यह रूल हर म्यूचुअल फंड निवेश को जरूर जानना चाहिए। इससे बड़ा फंड बनाने में आपको मदद मिलेगी और आप सही तरीके से निवेश कर मैक्सिमम रिटर्न ले पाएंगे।
सालाना आधार पर 2023 में निफ्टी 100 टीआरआई का रिटर्न 21 फीसदी रहा है जबकि निफ्टी मिडकैप 150 टीआरआई का रिटर्न 45 फीसदी रहा है। निफ्टी स्मॉलकैप 250 टीआरआी का रिटर्न 49 पर्सेंट रहा है।
वेल्थ एडवाइजर अक्सर सुझाव देते हैं कि सेक्टोरल/थीमैटिक फंड जोखिम भरे होते हैं और किसी को अपने पोर्टफोलियो का केवल एक छोटा हिस्सा ही उनमें लगाना चाहिए।
SIP ने इतनी लोकप्रियता हासिल कर ली है कि कुछ म्यूचुअल फंड हाउस अब सिर्फ 250 रुपये प्रति माह पर माइक्रो SIP शुरू कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, LIC MF ने हाल ही में दैनिक SIP की न्यूनतम सीमा को 300 रुपये से घटाकर 100 रुपये करने की घोषणा की है।
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