सोने की कीमत बीते कुछ दिनों से लगातार बढ़ रही है। चांदी भी इसी ट्रेंड पर आगे बढ़ रही है। प्रति 10 ग्राम सोना खरीदना अब काफी महंगा हो गया है। फेस्टिवल सीजन में ज्यादा प्राइस का असर भी देखने को मिल सकता है।
इक्विटी बाजारों में गिरावट ने भी पीली धातु में तेजी को बढ़ावा दिया क्योंकि निवेशक सोने जैसी सुरक्षित निवेश परिसंपत्तियों की ओर बढ़ रहे हैं। व्यापारियों ने स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की मजबूत मांग के कारण सोने की कीमतों में तेजी का श्रेय दिया।
व्यापारियों ने स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की कमजोर मांग के कारण पीली धातु की कीमतों में गिरावट को जिम्मेदार ठहराया। सोमवार को सोना 78,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
इससे पहले 7 अक्टूबर को सोने की कीमत रिकॉर्ड 78,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई थी। एमसीएक्स पर वायदा कारोबार में दिसंबर डिलीवरी वाले सोने के अनुबंधों में 207 रुपये या 0. 27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार हुआ।
शुक्रवार को चांदी की कीमत भी 1500 रुपये के उछाल के साथ 93,000 रुपये प्रति किलो हो गयी। चांदी की कीमतों में लगातार दूसरे दिन तेजी देखने को मिली है। गुरुवार को चांदी 91,500 रुपये प्रति किलो के भाव पर बंद हुई थी।
हाल के दिनों में सोने और चांदी की कीमत में लगातार नरमी का रुझान देखने को मिला है। फेस्टिवल और शादी-विवाह के सीजन में सोने-चांदी की डिमांड में तेजी आने का अनुमान है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर 5 दिसंबर के अनुबंध के लिए सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर सोना 0.10% की बढ़त के साथ 75,236 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था।
18 कैरेट सोने की कीमत 250 रुपये घटकर 57,680 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। 18 कैरेट के 100 ग्राम कीमती धातु की कीमत 2500 रुपये घटकर 5,76,800 रुपये पर आ गई।
हाल ही में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतों में अच्छी तेजी देखी गई है, जो मुख्य रूप से अमेरिकी फेड की दरों में कटौती और मध्य पूर्व में तनाव के बारे में आशावाद से प्रेरित है।
गुरुवार को सोना 400 रुपये की तेजी के साथ 78,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था। जबकि इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को सोने का भाव 900 रुपये की बड़ी बढ़त के साथ 77,850 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
बुधवार को सोने का भाव 900 रुपये की तेजी के साथ 77,850 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। मजबूत विदेशी रुख के बीच औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की मजबूत मांग के कारण चांदी भी 1,000 रुपये बढ़कर 94,000 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।
प्रणव मेर ने कहा, ‘‘कमजोर डॉलर, वैश्विक केंद्रीय बैंकों से और ज्यादा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, सुरक्षित निवेश की मांग और ईटीएफ फंड के फ्लो से कीमतों को समर्थन मिल रहा है।’’ कारोबारियों के अनुसार, आभूषण विक्रेताओं की लगातार खरीदारी और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूत रुख के कारण सोने की कीमतों में तेजी आई।
अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती जारी रहने की उम्मीद और पश्चिम एशिया में तनाव के कारण सोने की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं। इस बात की उम्मीदें बढ़ गई हैं कि अमेरिकी फेड इस साल के आखिर तक दरों में 50-75 आधार अंकों की कटौती कर सकता है।
सोना-चांदी कारोबारियों को इस बात का भरोसा है कि अमेरिका में फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में भारी कटौती हो सकती है और इसके साथ ही ब्याज दरों में ढील का दौर शुरू हो सकता है।
इस सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। डॉलर के नरम रुख के बीच भारत में सोने की कीमत में सोमवार को तेजी का रुझान दिखा।
कमजोर मांग के कारण सोना वायदा और चांदी वायदा कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। व्यापारी इस महीने होने वाली फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में कटौती के आकार का आकलन करने के लिए अमेरिकी आर्थिक तारीख के इंतजार में हैं।
अमेरिकी बेरोजगारी दावों और जीडीपी डेटा सहित प्रमुख अमेरिकी मैक्रो डेटा जारी होने से पहले व्यापारी सतर्क रहे। इस सप्ताह सोने की कीमतों में सुस्ती बनी हुई है, क्योंकि बाजार शुक्रवार को व्यक्तिगत उपभोग व्यय (पीसीई) डेटा का इंतजार कर रहा है।
बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी और डॉलर इंडेक्स में सुधार के कारण शुक्रवार को भी पीली धातु में गिरावट जारी रही। बाजार को अमेरिकी फेड द्वारा दरों में संभावित कटौती की उम्मीद है, इसलिए सोने को समर्थन मिलने की संभावना है।
सिक्का निर्माताओं और औद्योगिक इकाइयों की ओर से कमजोर उठान के कारण चांदी की कीमत में गिरावट आई। भू-राजनीतिक तनाव जारी रहने से बढ़ते जोखिम ने पीली धातु के मूल सिद्धांतों को मजबूत रखा है।
सोने की कीमतों में वृद्धि का श्रेय खुदरा खरीदारों के साथ हाल ही में सीमा शुल्क में कटौती के कारण आभूषण विक्रेताओं की बढ़ती मांग को दिया। घरेलू मांग बढ़ने और मजबूत वैश्विक रुख के कारण बहुमूल्य धातुओं में यह हलचल देखने को मिली।
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